Sarva Pitru Amavasya 2022 : सर्वपितृ अमावस्या पर श्रद्धालु पुण्य कमाने की बजाए पाप के भागी न बनें, गायों को न खिलाएं ये चीजें

भिवानी। अमावस्या को गायों को खीर, पूरी, चावल न खिलाएं इससे गौवंश अकाल मौत का शिकार हो जाते है, लोग पुण्य की बजाय पाप के भागीदार बन जाते हैं। यह अपील स्थानीय हालुवास गेट स्थित सिद्धपीठ बाबा जहरगिरी आश्रम के पीठाधीश्वर अंतर्राष्ट्रीय महंत जूना अखाड़ा डॉ. अशोक गिरी महाराज ने की।
महंत ने कहा 25 सितंबर को अमावस्या है तथा इस दिन लोग बहुतायात में बेसहारा गायों को गौग्रास के नाम पर खीर, पुरी व तली हुई चीजेें खिलाते है, जिससे गाय अफारा का शिकार होकर मर भी जाती है। जिससे श्रद्धालु पुण्य कमाने की बजाए पाप के भागी बनते है। इसीलिए श्रद्धालुओं को चाहिए कि अमावस्या के दिन गौग्रास को बेसहारा गाय को ना खिलाकर गौरक्षकों या गौशाला को दे, जिससे उन पर गौहत्या का पाप लगने से बच सकें।
महंत ने कहा कि गोवंश एक से दो किलो ही अनाज खा सकता है, इस से ज्यादा नहीं, जबकि गायों का मुख्य भोजन तो हराचारा-तूड़ी ही होता है, लेकिन श्राद्ध के दिनों खासकर अमावस्या के दिन हर घर से खीर, हलवा पूरी गाय के लिए जरूर निकलती है और बेसहारा घूम रही गाय को खिलाई जाती है तथा ज्यादा खिलाए जाने से गाय को अफारा आ जाता है, उससे गाय की मृत्यु तक भी हो जाती है तथा व्यक्ति अनजाने में ही गौमाता की हत्या का दोषी बन जाता है।
महंत ने कहा कि इस गौ हत्या के पाप से बचने के लिए श्राद्ध या अमावस वाले दिन बेसहारा घूमने वाली किसी भी गाय को गौग्रास ना दे, बल्कि गौरक्षकों व गौसेवकों को गौग्रास दे। उन्होंने कहा कि गो सेवक अलग-अलग प्रत्येक गाय को थोड़ा-थोड़ा खिलाते है, जिससे सब गायों को गौग्रास सामग्री मिल भी जाती है और गायों को नुकसान भी नहीं होता। उन्होंने कहा कि व्यक्ति इस बारे अन्य लोगों को भी जागृत करें।
पशुपालन विभाग पूरी तरह से सतर्क
वहीं श्राद्ध की अमावस्या को ध्यान में रखते हुए गायों को बचाने के लिए पशुपालन विभाग पूरी तरह से सतर्क हो गया है। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. सुखदेव राठी के निर्देशों पर सभी पशु चिकित्सक गोशालाओं व गांवों में लोगों को अमावस्या पर खीर, पुरी व तली हुई चीजें गायों को न खिलाने के बारे में जागरूक कर रहे हे।
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