सतनाली फीडर मामला : बैकफुट पर सांसद, सीएम से 'सिफारिश' नहीं मानने का किया आग्रह...

सतीश सैनी/नारनौल। सतनाली फीडर पर सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह (MP Dharambir Singh) ने एक मई को मीडिया के समक्ष अपना स्पष्टीकरण दिया था। इसके अगले ही दिन दो मई को उसी पक्ष को दोहराते हुए मुख्यमंत्री मनोहरलाल को दूसरी चिट्ठी लिखी।
इस चिट्ठी में पहली चिट्ठी में (नया सतनाली फीडर बनाने) की गई सिफारिश नहीं मानने का आग्रह किया गया है। सांसद ने इस दूसरी चिट्ठी में शब्द इस्तेमाल किए गए कि 'कुछ नेताओं को यह बात ठीक नहीं लगी।' 'केवल उन नेताओं को सलाह पर ही सतनाली फीडर के बारे में निर्णय लिया जाए।' 'मुझे पूरा विश्वास है कि वो नेता अच्छा ही सुझाव देंगे क्योंकि आपका नारा हरियाणा एक-हरियाणवी एक की व्यवस्था पर चल रहा है।' चिट्ठी में किस 'नेताजी' को लेकर सांसद जिक्र कर रहे है। यह तो सांसद जाने या फिर वह नेताजी। हां, इतना जरूर है कि इस चिट्ठी में चयन किए गए शब्दों पर अब नई राजनीति गर्माने की संभावना है।
भविष्य में लोकसभा चुनाव में ही इस मुद्दे से जोड़े जा रहे 'नेताजी' का नाम सामने आ सकता है। हैरानी इस बात की भी है कि सांसद के स्पष्टीकरण के बाद भी शनिवार को नारनौल पंचायत समिति के चेयरमैन पंकज यादव की अगुवाई में विरोध किया गया। ऐसे में कहीं ना कहीं इस मुद्दे को नेताजी (जिसका अभी नाम सामने नहीं आया है) गर्माने और भविष्य में लोकसभा चुनाव में लाभ लेने की राह पर है।
सांसद ने लिखी दूसरी चिट्ठी, सीएम से यह किया आग्रह
भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने दो मई को सीएम मनोहरलाल को चिट्ठी लिखी। यह चिट्ठी रविवार को सांसद के नारनौल कार्यालय से हरिभूमि को मिली। सांसद ने इस चिट्ठी में सीएम को लिखा है कि 'हरियाणा बनने के बाद लगभग 50 वर्ष पहले हरियाणा में लिफ्ट कैनाल का काम हुआ था। जेएलएन कैनाल, महेंद्रगढ़ कैनाल, सतनाली फीडर, लोहारू फीडर, जुई फीडर एवं सिवानी फीडर आदि बहुत ही महत्वपूर्ण योजनाएं है। दक्षिणी हरियाणा में लिफ्ट का काम पहली बार हुआ था। लगभग तब से लेकर वर्ष 2014 के बाद पहली बार प्रदेश की तमाम नहरों पर पहली बार ध्यान दिया। यह भी फैसला लिया कि डब्ल्यूजेसी की क्षमता बढ़ाकर बारिश के दिनों में ज्यादा पानी उसका लिफ्ट कनाल के माध्यम से टैल तक राजस्थान के बॉर्डर तक पानी दिया जा सके ताकि सभी वाटर बॉडी, तालाब जो सुख चुके है, उनको दोबारा जीवित करने एवं बारिश के पानी से भरके उसका परिणाम भी बहुत ही अच्छा आया है। आपने पहले भी सभी नहरों की रैमोडलिंग का पैसा देकर सभी पम्प हाउस को एक नया रूप एवं एक नई दिशा दी है। एक बार में ही 150 करोड़ रुपये की राशि नारनौल की जनसभा में जारी की थी। यह पहली बार हुआ है। इसी के कारण महेंद्रगढ़ कैनाल, सतनाली फीडर, लोहारू फीडर, जुई फीडर एवं सिवानी फीडर आदि की टैलों पर पानी पहुंचा है। उसी के आधार पर लोकसभा क्षेत्र में निजामपुर ब्लॉक, नांगल चौधरी ब्लॉक, अटेली ब्लॉक, सतनाली ब्लॉक व नारनौल ब्लॉक में कुछ हद तक पानी पहुंचाया है। बारिश के दिनों में ऑकमेंडेशन कैनाल की क्षमता भी लगभग 2000 क्यूसिक पानी बढ़ाना चाहते है ताकि बारिश का ओर ज्यादा पानी जेएलएन कैनाल में डालकर टेल तक पहुंचाया जा सके। इसके बारे में आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि सतनाली फीडर जिसकी क्षमता अभी लगभग 293.50 क्यूसिक पानी की है। आपने इस नहर का पुनर्निर्माण किया है परंतु आज तक उसी के आधार पर मैंने एक पत्र सतनाली फीडर के बारे में लिखा ताकि बारिश के दिनों में जब पूरा पानी आए तो उसे भी उसका (सतनाली फीडर) पूरा हक मिल सके। क्योंकि आज ही मौजूदा हालत में केवल इसकी क्षमता 180 क्यूसिक ही है। जिसको पम्प नहीं उठा सकते। इसलिए मैंने यह पत्र लिखा था लेकिन कुछ नेताओं को यह बात ठीक नहीं लगी। इसलिए मेरा आपसे विन्रम अनुरोध है कि मेरे उस पत्र को सिफारिश ना माना जाए केवल उन नेताओं को सलाह पर ही सतनाली फीडर के बारे में निर्णय लिया जाए। मुझे पूरा विश्वास है कि वो नेता अच्छा ही सुझाव देंगे क्योंकि आपका नारा हरियाणा एक-हरियाणवी एक की व्यवस्था पर चल रहा है। प्रदेश की नहर के आखिरी छोर तक पड़ने वाले तालाबों आदि में बारिश के दिनों में पानी भरना चाहते है जो पिछले 40 वर्ष से सुख चुके है।
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