Sawan 2021 : सावन की शुरुआत 25 जुलाई से, इस बार चार सोमवार व्रत, जानें क्या है महत्व

Sawan 2021 : सावन की शुरुआत 25 जुलाई से, इस बार चार सोमवार व्रत, जानें क्या है महत्व
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पंडित कृष्ण कुमार बहल वाले के अनुसार सावन मास में चार सोमवार व दो प्रदोष व्रत के विशेष पर्व रहेंगे। नागपंचमी मरुस्थलीय 28 जुलाई व कल्कि जयंती नाग पंचमी 13 अगस्त को मनाई जाएगी। सावन माह में 27 जुलाई को चौथ मंगलवार अंगारक योग व 8 अगस्त को अमावस्या पितृ कार्य के लिए विशेष रहेगी। तीज का त्योहार 11 अगस्त, हरियाली अमावस्या 8 अगस्त को मनाई जाएगी।

कुलदीप शर्मा : भिवानी

भगवान शिव का प्रिय महीना सावन इस बार को 29 दिन का ही रहेगा। सावन में कृष्ण पक्ष की द्वितीया और शुक्ल पक्ष की नवमी क्षय है। लेकिन कृष्ण पक्ष में छठ 2 हो गई है। ऐसे में कृष्ण पक्ष तो पूरे 15 दिन का होगा, लेकिन शुक्ल पक्ष 14 दिन ही रहेगा। सावन की शुरुआत 25 जुलाई से होगी। पंडित कृष्ण कुमार बहल वाले के अनुसार सावन मास में चार सोमवार व दो प्रदोष व्रत के विशेष पर्व रहेंगे। नागपंचमी मरुस्थलीय 28 जुलाई व कल्कि जयंती नाग पंचमी 13 अगस्त को मनाई जाएगी। सावन माह में 27 जुलाई को चौथ मंगलवार अंगारक योग व 8 अगस्त को अमावस्या पितृ कार्य के लिए विशेष रहेगी। तीज का त्योहार 11 अगस्त, हरियाली अमावस्या 8 अगस्त को मनाई जाएगी।

सावन के महीने में भगवान शिव को ऐसे करें प्रसन्न : पंडित ने बताया कि सावन सोमवार के दिन जल्दी उठकर स्नान करें। शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें। साथ ही माता पार्वती और नंदी को भी गंगाजल या दूध चढ़ाएं। पंचामृत से रुद्राभिषेक करें, बिल्व पत्र अर्पित करें। शिवलिंग पर धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल चढ़ाएं और सभी को तिलक लगाएं। प्रसाद के रूप में भगवान शिव को घी शक्कर का भोग लगाएं। धूप, दीप से गणेश जी की आरती करें। अंत में भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।

सोमवार व्रत का फल : गृहस्थ जीवन के लिए सोमवार का व्रत सुख, शांति और समृद्धि लेकर आता है। वृद्ध तथा साधु-संन्यासियों को इससे भगवान की कृपा तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। अविवाहित युवतियां श्रावण में सोमवार का व्रत करें तो उन्हें योग्य वर मिलता है। सुहागिन महिलाओं को सौभाग्य व सुख की प्राप्ति होती है। कन्या द्वारा किया गया सोमवार का व्रत उसके माता-पिता, भाई तथा परिजनों को शुभ फल देता है। गृहस्वामी सोमवार का व्रत करे तो उसके परिवार में प्रेम और आनंद का वातावरण रहता है।

रक्षाबंधन और जन्माष्टमी : इस दिन भी मंदिरों में पूजा अर्चना की जाती है। वहीं सावन की पूर्णिमा पर 22 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व रहेगा। बहनें अपने भाइयों की कलाई पर स्नेह का धागा बांधेगी। इसी प्रकार 30 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। बीते साल कोरोना के कारण मंदिरों में आयोजन नहीं हुए थे। इस बार भी अभी तक गाइडलाइन जारी नहीं की गई है।

मंदिरों को लेकर राज्य सरकार की गाइड लाइन का इंतजार : पूरे सावन महीने में श्रद्धालु शिव आराधना करते हैं। हालांकि कोरोना के चलते अभी तक सरकार की ओर से मंदिरों को खोलने को लेकर गाइडलाइन तय नहीं की गई है। ऐसे में संशय की श्रद्धालु सावन में मंदिरों में भगवान शिव के दर्शन कर पाएंगे या उन्हें घर पर ही आराधना करनी होगी।

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