PNB बैंक में 2.26 करोड़ का घोटाला, 31 फर्जी लोन अकाउंट्स खोलकर लोन इंचार्ज ने निकाली राशि

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
नारनौल में पंजाब नेशनल बैंक शाखा मेन ब्रांच नई मंडी में 2.26 करोड़ का घोटाला सामने आया है। यहां जुलाई-2019 से जून-2022 तक बैंक में कार्यरत रहे लोन इंचार्ज रहे मधुरू हर्षवर्धन रेडी ने फर्जी 31 लोन अकाउंट्स खोल दिए गए। लोन उपभोक्ताओं ने ना तो फाइल जमा करवाई और ना ही उन्हें जानकारी। लोन इंचार्ज ने बैंक के ऑनलाइन सिस्टम में ही यह करतूत की और 2.26 करोड़ का घोटाला बैंक में ही कर दिया। जब यहां शाखा प्रबंधक के सामने ऑडिट की बात सामने आई तो यह आंकड़े व रिकार्ड सामने आए। फिर बैंक ने अपने स्तर पर जांच पड़ताल की तो 31 में से 11 नामजद अकाउंट्स से 63 लाख की रिकवरी तो कर ली। अभी भी 1.53 करोड़ की राशि रिकवर होनी बाकी है। इस मामले में शाखा प्रबंधक की शिकायत नामजद लोन इंचार्ज मधुरू हर्षवर्धन रेडी के खिलाफ आईपीसी की धारा 409,420,467,468,471 के तहत सिटी थाना में केस दर्ज किया है।
एसपी को दी शिकायत में पंजाब नेशनल बैंक शाखा मेन ब्रांच नई मंडी में गौरव शर्मा सात जून 2022 से बतौर शाखा प्रबंधक कार्यरत है। उसने शिकायत में बताया है कि आरोपित मधुरू हर्षवर्धन रेडी 10 जुलाई 2019 से चार जून 2022 तक बतौर लोन इंचार्ज यहां पर कार्यरत रहा है। इस अवधि के दौरान आरोपित ने केवल अपने लेवल पर सिस्टम में 37 फर्जी लोन अकाउंटस खोले। जिनके संबंध में लोन अकाउंट से संबंधित व्यक्तियों को ना ही तो बुलाया गया और ना ही लोन की फाइल तैयार की गई। ना ही ग्राहक से कोई हस्ताक्षर व अंगूठे करवाएं गए और ना ही कोई दस्तावेत ग्राहक के लिए गए अर्थात जिसका कोई रिकार्ड ऑफ लाइन नहीं है और केवल सिस्टम में ही जनरेट करके लोन पास किए गए थे। इन लोन अकाउंट का कोई रिकार्ड लोन फाइल प्रार्थी बैंक के कार्यालय में मौजूद नहीं है। लोन अकाउन्टस आरोपित के द्वारा केवल सिस्टम में फर्जी तरीके से खोलकर इस राशि का गबन किया गया है जबकि कोई लोग राशि उक्त व्यक्तियों लोनी होल्डर को अदा नहीं की गई जबकि फर्जी व्यक्तियों के नाम लोन अकाउंट खोलकर उनकी राशि स्वयं आरोपित ने अपने खाते में और अन्य व्यक्तियों के अकाउंटस में ट्रांसफर करके बैंक राशि का व्यक्ति के लोन देने के नाम पर गबन किया है।
इंटरनल ऑडिट में सामने आया फर्जी लोन का खेल
बैंक में इंटरनल ऑडिट का कार्य 31 मई 2022 से शुरू किया गया था परंतु इसी दौरान आरोपित ट्रांसफर भी होना था और रिलीव आर्डर होने के बाद आरोपित को चार जून 2022 को रिलीव कर दिया गया। इसके बाद नौ जून 2022 को जब ऑडिटर ने सिस्टम में दर्शाएं व लोन किए गए अकाउंटस की असल लोन फाइल की मांग करी, जिस पर उक्त 37 फर्जी ऑनलाइन अकाउंट्स की ओरिजनल लोन फाइलों को कार्यालय में सर्च किया गया, लेकिन कोई रिकार्ड कार्यालय में नहीं मिला। चूंकि उक्त अकाउंट्स आरोपित ने केवल ऑनलाइन बैंक से उक्त नाजायज राशि ऐठने व हड़पने की मशा से फर्जी व्यक्तियों के नाम दर्ज करके लोन अकाउंट ओपन किए थे। जिनकी कोई फाइल नहीं बनाई गई और ना ही कोई रिकार्ड बैंक शाखा में बतौर रिकार्ड रखी गई। जब इन लोन अकाउंट्स की फाइलें ना मिलने पर आरोपित से संपर्क किया गया तो आरोपित का नंबर नोट रिचेबल पाया गया। इस संबंध में अपने सक्षम अधिकारियों को इस घोटाले बारे जांच के लिए लिखा। जांच में आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी से बैंक की राशि हड़प करने के दोष सिद्ध हुए है।
11 नामजद लोन खाते से 63 लाख रिकवर, अभी 1.53 करोड़ बाकी
शिकायत में बताया गया है कि 37 खातों में से 11 लोन नामजद खाते है। इन खातों की स्वीकृत राशि 63 लाख थी। यह खाते आरोपित की ओर से बंद किए जा चुके है। यह 63 लाख की राशि बैंक के रिकवर होने के बाद अब बैंक की कुल बकाया राशि एक करोड़ 53 लाख 24 हजार 681 रुपये है। जिनकी रिकवरी आरोपित से होनी है।
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