चीका नगरपालिका का भवन बनाने में लाखों का घोटाला, एक सप्ताह में ही जली बिजली की फिटिंग, टपकने लगी छतें

चीका नगरपालिका का भवन बनाने में लाखों का घोटाला, एक सप्ताह में ही जली बिजली की फिटिंग, टपकने लगी छतें
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घोटाले की सूचना पाकर अधिकारियों में हड़कंप मच गया है और सरकारी तौर पर आनन-फानन में घोटाले को दबाने के भरसक प्रयास प्रारंभ कर दिए गए हैं।

हरिभूमि न्यूज़ : गुहला चीका ( कैथल )

यहां गुहला चीका में करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए नगरपालिका के नए व भव्य भवन में लाखों रुपयों के घोटाले का भंडाफोड़ हुआ है। घोटाले की सूचना पाकर अधिकारियों में हड़कंप मच गया है और सरकारी तौर पर आनन-फानन में घोटाले को दबाने के भरसक प्रयास प्रारंभ कर दिए गए हैं। मालूम रहे कि यहां नगरपालिका का पुराना भवन जर्जर अवस्था में पहुंच गया था जिस पर सरकार ने यहां नए भवन को मंजूरी दी थी जो कि हाल ही में ना केवल बनकर तैयार हुआ था अलबत्ता करीब एक सप्ताह पहले नगरपालिका के पुराने भवन को नए भवन में ट्रांसफर भी कर दिया था। यही नहीं निकाय चुनाव के बाद यहां की चेयरपर्सन व पार्षदों को इसी भवन में शपथ भी ग्रहण करवाई थी।

मजे की बात तो यह रही कि नपा भवन का मुहूर्त हुए अभी जुम्मा-जुम्मा एक सप्ताह भी नहीं बीता है कि जहां भवन की लगभग सारी छतें बरसाती पानी को भी नहीं सह पाई और टपकने लग गई, वहीं बिजली की फिटिंग भी फूंक गई, जिससे लाखों रुपए के घोटाले का भंडाफोड़ तो हुआ ही है, वहीं अब यह प्रश्र भी खड़ा हो गया है कि इस घोटाले का असली जिम्मेवार कौन है? प्राप्त जानकारी के अनुसार नगरपालिका का कथित यह आधुनिक भवन 42 हजार स्कवायर फुट एरिया में बनाया गया है जिस पर 8 करोड़ 36 लाख रुपए की राशि खर्च की गई है। भवन में 31 कमरे, लिफ्ट सुविधा, डबल सीडिय़ां, कान्फ्रेंस हाल, दर्जनों एसी व 60 कैमरे आदि लगाए गए हैं। जानकारी के अनुसार भवन के निर्माण में जहां घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया, वहीं बिजली की घटिया तारें व अन्य सामान प्रयोग करके विभाग को लाखों रुपयों का चूना लगाया गया।

इस घोटाले में अधिकारी भी किस तरह से संलिप्त हैं, इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि भवन को शिफ्ट करने से पूर्व अधिकारी भवन की टेस्टिंग करते हैं और यदि टेस्टिंग में भवन पूरी तरह सरकारी मापदंड पर खरा उतरता है तो तभी ठेकेदार को टेस्टिंग की ओके की रिपोर्ट दी जाती है और उसके बाद ही नए भवन का उद्घाटन करने की प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाया जाता है परंतु सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों ने सम्बन्धित ठेकेदार को भी टेस्टिंग की कोई रिपोर्ट नहीं दी और बिना टेस्टिंग के ही नए भवन का उद्घाटन भी करवा दिया। इस सम्बन्ध में जब सम्बन्धित ठेकेदार रवि प्रकाश से बात की गई तो उसने कहा कि पानी निकासी के लिए जो पाइपें थी, वे अचानक बंद रह गई थी जिसे खोला नहीं गया था परंतु अब उन्हें खोल दिया गया है और जो बिजली की तारें फुंक गई हैं उन्हें बदला जा रहा है।

नपा सचिव धर्मवीर ने भी इस मामले पर चुप्पी तोड़ी और कहा कि छतों के चूने व बिजली की फिटिंग सड़ जाने को गहराई से देखा जा रहा है और यदि कोई खामी पाई गई तो जिसके खिलाफ जो भी कार्रवाई बनती होगी, उसे अमल में लाया जाएगा। उक्त घोटाले बारे जब चीका नगरपालिका के कुछ नवनिर्वाचित पार्षदों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह भवन उनके समय में नहीं बना है और अभी तो उन्हें शपथ ग्रहण किए एक सप्ताह भी नहीं हुआ है परन्तु अब यह मामला उनके नोटिस में आ गया है और वे जल्द ही सारे मामले की अधिकारियों से जानकारी लेकर पूरे भवन के निर्माण कार्य व इसमें लगी सामग्री की बारीकी से जांच करेंगे और यदि कहीं घोटाले जैसी कोई बात सामने आई तो सम्बन्धित अधिकारियों व ठेकेदार के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

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