महिला विश्वविद्यालय खानपुर कला में करोड़ों का घोटाला, महिला रजिस्ट्रार व फाइनेंस अधिकारी समेत छह पर केस दर्ज

महिला विश्वविद्यालय खानपुर कला में करोड़ों का घोटाला, महिला रजिस्ट्रार व फाइनेंस अधिकारी समेत छह पर केस दर्ज
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करीब डेढ़ साल पहले विश्वविद्यालय में गबन का मामला उजागर होने के बाद सरकार ने उड़नदस्ता रोहतक शाखा को जांच दी थी। आरोप है कि आरोप है कि विश्वविद्यालय की लेखा शाखा की लिपिक सीमा मलिक ने अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके करोड़ों रुपये का गबन कर लिया।

हरिभूमि न्यूज . गोहाना (सोनीपत)

गांव खानपुर कलां स्थित बीपीएस महिला विश्वविद्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा गबन करने के मामले में रजिस्ट्रार डा. रितु बजाज, फाइनेंस अधिकारी समेत छह पर धोखाधड़ी व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है। मामला मुख्यमंत्री उड़नदस्ता रोहतक की शाखा के अधिकारी कर्मबीर की शिकायत पर दर्ज हुआ है। खानपुर कलां महिला थाना की पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

करीब डेढ़ साल पहले विश्वविद्यालय में गबन का मामला उजागर होने के बाद सरकार ने उड़नदस्ता रोहतक शाखा को जांच दी थी। इस मामले की जांच कर्मबीर सिंह कर रहे हैं। आरोप है कि विश्वविद्यालय की लेखा शाखा की लिपिक सीमा मलिक ने अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके करोड़ों रुपये का गबन कर लिया। विभिन्न फंड और फीस के रुपयों की लिपिक सीमा द्वारा पहले रसीद काट दी जाती और रिकार्ड में दर्ज नहीं किया जाता। उसके बाद रुपयों को विश्वविद्यालय के खाते में जमा ही नहीं करवाया जाता था। 2017 में ऑनलाइन फीस जमा करवानी शुरू की गई। इसके लिए संबंधित कर्मचारी से साफ्टवेयर तैयार नहीं करवाया गया।

आरोप है कि सीमा डाटा आपरेटर और फाइनेंस अधिकारी से मिल कर गबन करती थी। मामला उजागर होने पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सीमा से 26 लाख रुपये की रिकवरी की गई है, जबकि घोटाला करीब डेढ़ करोड़ का है। अब जांच अधिकारी कह रहे हैं कि विश्वविद्यालय के अधिकारी 812 रसीदों का रिकार्ड नहीं दे रहे हैं। इस पर रजिस्ट्रार डा. रितु बजाज को 29 बार पत्र दिए जा चुके हैं और अन्य अधिकारियों से संपर्क किया जा चुका है। जांच अधिकारी ने शिकायत दी कि रजिस्ट्रार रितू बजाज, फाईनेंस आफिसर राजेश मनोचा, अपने कर्मचारी सीमा मलिक लिपिक लेखा शाखा, राजेश वर्मा पूर्व फाईनेंस अधिकारी, वेदप्रकाश दुआ अकाउंट अधिकारी, अजय मलिक डाटा एंट्री ऑपरेटर को बचाने के लिए बदनियति से मिलीभगत करके रिकार्ड प्रदान नहीं कर रहे हैं। उनकी शिकायत पर रजिस्ट्रार व अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी व साजिश का मामला दर्ज किया गया है।

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