Haryana : इस गांव में अनुसूचित जाति वर्ग का मंदिर में प्रवेश वर्जित, सार्वजनिक नल से नहीं भर सकते पेयजल

हरिभूमि न्यूज : रोहतक
हरियाणा के रोहतक जिले के गांव ककराणा में तनाव पैदा हो गया है। यहां सदियों से अनुसूचित जाति के परिवारों का मंदिर में प्रवेश वर्जित है। अब इस प्रतिबंध को तोड़ने के लिए युवा आगे आए हैं। उन्होंने ग्राम पंचायत को अल्टीमेटम दिया है कि 2 नवंबर को वे मंदिर में प्रवेश करेंगे। अल्टीमेटम के बाद से ही माहौल गरम है। कई बार गांव में बैठक हो चुकी है, लेकिन मामला सुलझता नजर नहीं आ रहा। हालात ये हैं कि एससी वर्ग के कुछ लोगों ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर सुरक्षा की गुहार लगाई है।
शिकायत में आरोप लगाया कि गांव में कई तरह के प्रतिबंध हैं। सार्वजनिक मंदिर में केवल अनुसूचित जातियों का प्रवेश रोकना, किसी भी भंडारे या सार्वजनिक उत्सव में अनुसूचित जाति के लिए अलग से पंडाल लगाना भी शामिल हैं। सार्वजनिक नल से पानी भी नहीं भर सकते। पानी भरते हैं तो कोई भी टोक देता है। अनुसूचित जाति के लिए अलग से नल बनाया गया है। इसके अलावा भी कई तरह कर पाबंदियां सदियों से हैं। अब इस परंपरा को बदलने का समय आ गया है।
बहिष्कार की चेतावनी का आरोप
दरअसल गांव के अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं ने सभी तरह के प्रतिबंध हटाने के लिए 2 अक्टूबर को ग्राम पंचायत को लिखित में एक महीने का अल्टीमेटम दिया। लिखा गया है कि 2 नवंबर को मंदिर में प्रवेश करेंगे और भंडारा भी लगाएंगे। एसपी को दी गई शिकायत में हेमंत, नीरज, निर्मला, मनोज, गौतम, प्रिया और ग्राम पंचायत सदस्य दर्शना ने आरोप लगाया कि अल्टीमेटम के जवाब में ग्राम पंचायत ने अल्टीमेटम वापस लेने के लिए सामाजिक बहिष्कार करने की चेतावनी दी। इसके बाद और भी कई पंचायत हुई, जिसमें हमें साफ तौर पर मंदिर में न घुसने की बात कही गई।
डर है, 2 नवंबर को हो सकता है हमला
शिकायत में आरोप लगाया कि पिछले दिनों धमकी से डरकर 112 नंबर पर कॉल किया और कलानौर थाना और काहनोर चौकी में भी फोन किया। जिनका उत्तर संतोषजनक नहीं रहा और ना ही पुलिस गांव में आई। अल्टीमेटम 2 नवंबर को पूरा होगा और गांव में जातिवाद के खिलाफ प्रदर्शन व मंदिर में प्रवेश करेंगे। आरोप है कि इस दौरान विरोध होगा, जिसमें दूसरे पक्ष जानलेवा हमला करवा सकते हैं। हमें अभी से पुलिस सुरक्षा दी जाए।
मंदिर प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं, नल से सभी भरते हैं पानी
सरपंच हरि भगवान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गांव में इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है। कुछ युवा माहौल खराब करना चाहते हैं। चाहों को उन्हीं के परिवार के बुजुर्गों को लेकर भी आ सकते हैं। गांव में सब ठीक-ठाक है। सभी वर्ग के परिवार आपस में मिल जुलकर रहते हैं। नल से पानी नहंी भरने जैसी भी कोई बात नहीं है। जो शिकायत कर रहे हैं वो रोज पानी भरकर लाते हैं कोई नहीं रोकता। आज तक तो मेरी नजर में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया। गांव को बदनाम करने के लिए ये सब किया जा रहा है। अफवाह फैलाई जा रही है, ऐसी कोई बात नहीं है। सुर्खियों में आने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
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