स्कूल में दाखिला : जन्म प्रमाण-पत्र सरकारी वेबसाइट पर होना जरूरी, हस्तलिखित मान्य नहीं

स्कूल में दाखिला : जन्म प्रमाण-पत्र सरकारी वेबसाइट पर होना जरूरी, हस्तलिखित मान्य नहीं
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शिक्षा विभाग की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी व मौलिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से सभी स्कूलों के मुखिया को इस निर्देश के बारे में अवगत करा दिया है।

हरिभूमि न्यूज : महेंद्रगढ़

अब स्कूल में दाखिला लेने के लिए विद्यार्थी के पास जन्म प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। शिक्षा विभाग ने कुछ जन्म संबंधी प्रमाण भी निर्धारित किए है। जन्म प्रमाण पत्र तथा इससे संभावित दस्तावेजों के बिना अब स्कूलों में बच्चों का दाखिला नहीं होगा। शिक्षा विभाग की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी व मौलिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से सभी स्कूलों के मुखिया को इस निर्देश के बारे में अवगत करा दिया है।

चीफ रजिस्ट्रार, (जन्म-मृत्यु) एवं महानिदेशक स्वास्थ्य हरियाणा ने बोर्ड के सचिव को मार्च माह में लिखे पत्र में कहा था कि बोर्ड द्वारा विद्यार्थियों की सर्टिफिकेट में जन्म तिथि अंकित की जाती है, उस जन्म तिथि का कोई वैधानिक महत्व नहीं है। जन्म तिथि का सही और वैधानिक प्रमाण पत्र जन्म प्रमाण पत्र होता है। ऐसे कई बार व्यक्ति के जन्म प्रमाण पत्र और सर्टिफिकेट में अलग-अलग जन्म तिथि अंकित होती है। इसलिए जन्म प्रमाण पत्र और सर्टिफिकेट में एक जन्म तिथि होना आवश्यक है। विभाग की ओर जारी पत्र के अनुसार दाखिले के दौरान ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र की अनिवार्य किया जाएगा। बच्चे की जन्म संबंधी जानकारी प्रदेश सरकार की वेबसाईट पर दर्ज होनी चाहिए। हस्त लिखित जन्म प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा। हस्त लिखित जन्म प्रमाण पत्र को लेकर कई बार विवाद हो चुके हैं। इससे फर्जीवाड़ा रोकने में भी सहायता मिलेगी। शहरी क्षेत्र के अस्पतालों में डिलीवरी के दौरान बच्चे का ऑनलाइन पंजीकरण हो जाता है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी घरों में डिलीवरी होती है, जिस कारण बहुत से बच्चों का ऑनलाइन पंजीकरण नहीं हो पाता। बता दें कि ग्रामीण क्षेत्र में अभिभावक बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना जरूरी नहीं समझते तथा स्कूल में दाखिला दिलाते समय मनमर्जी से जन्म तिथि लिखवा देते हैं। स्कूल द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले डाटा के आधार पर बोर्ड सर्टिफिकेट में जन्म तिथि अंकित करता है, लेकिन इसके बाद अभिभावक और विद्यार्थी इस जन्म तिथि को मानने से इंकार कर देते हैं। इससे बोर्ड के अधिकारियों एवं विद्यार्थियों दोनों को परेशानी होती हैं। काफी जद्दोजहद के बाद जन्म तिथि में बदलाव हो पाता है। इसमें पारदर्शिता लाने के लिए दाखिला के समय जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया है। स्कूल के मुखियाओं को निर्देश दिए हैं कि जिन बच्चों के दाखिले हो गए हैं, उनके जन्म प्रमाण पत्र दोबारा से जांच की जाए।

सीबीएसई ने रखा है अनिवार्य

सीबीएसई ने परीक्षाओं में रजिस्ट्रेशन करवाते समय विद्यार्थियों के जन्म प्रमाण पत्र को अनिवार्य कर दिया है। जबकि एसबीएसई में यह अनिवार्य नहीं होने के कारण अभी तक विद्यार्थियों की गलत जन्म तिथि अंकित हो रही है। ऐसे में एचबीएसई भी सभी परीक्षाओं में विद्यार्थियों के रजिस्ट्रेशन के समय जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य किया है, ताकि जन्म प्रमाण पत्र एवं अंकतालिका में बच्चे का नाम, जन्मतिथि आदि एक समान अंकित हो।

सभी स्कूलों को अवगत कराया

इस बारे में बीईओ अलका ने बताया कि विभाग की ओर से स्कूल में प्रवेश के दौरान जन्म प्रमाण पत्र संबंधित पत्र आया है, जिसके बारे में सभी स्कूलों के मुखियाओं को अवगत करवा दिया गया है। अब स्कूलों में बिना जन्म प्रमाण पत्र के दाखिला नहीं होगा। वहीं दाखिले के दौरान ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र की अनिवार्य किया जाएगा। बच्चे की जन्म संबंधी जानकारी प्रदेश सरकार की वेबसाईट पर दर्ज होनी चाहिए। हस्त लिखित जन्म प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा। हस्त लिखित जन्म प्रमाण पत्र को लेकर कई बार विवाद हो चुके हैं।

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