झज्जर में दर्दनाक हादसा : दूध के टैंकर से टकराई स्कूल वैन, एक छात्र की मौत, कई घायल, चालक-परिचालक की हालत गंभीर

हरिभूमि न्यूज. झज्जर
छुट्टी के बाद विद्यार्थियों को वापिस घर छोड़ने जा रही एक निजी स्कूल की वैन रोड पर खडे़ दूध के टैंकर से जा टकराई। गाड़ी की गति तेज होने के कारण उसमें सवार नौ विद्यार्थियों सहित ड्राईवर तथा कंडेक्टर भी गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा सोमवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे झज्जर-सांपला मार्ग पर गांव गिरावड़ के नजदीक हुआ। घायल हुए विद्यार्थियों में छह विद्यार्थी बीड़ सुनारवाला गांव तथा तीन विद्यार्थी गिरावड़ गांव से संबंध रखते हैं। जब राहगीरों व गांव के स्टैंड पर मौजूद ग्रामीणों ने यह हादसा देखा तो सभी घायलों को बचाने के लिए घटनास्थल की ओर दौड़े। खेत में कार्य कर रहे किसान भी रोड जमा हुई भीड़ को देखकर मौके पर पहुंचे।
बाद में राहगीरों द्वारा घायलों को गाड़ी से बाहर निकाला गया और साथ लगते एक निजी मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए भर्ती कराया। यहां ड्राईवर और कंडेक्टर सहित पांच घायलों को गंभीर हालत के चलते रोहतक पीजीआई रैफर किया गया जबकि अन्य छह विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में ही उपचाराधीन है। बाद में पीजीआई रैफर एक विद्यार्थी ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। हादसे की सूचना मिलते ही जहां अभिभावकों की भीड़ अस्पताल में जमा हो गई वहीं जिला प्रशासन की ओर से डीसी कैप्टन शक्ति सिंह, एसपी वसीम अकरम, डीएसपी नरेश, स्वास्थ्य विभाग से सीएमओ संजय दहिया, शिक्षा विभाग की ओर से डीईओ बीपी राणा, डीईईओ दिलजीत सिंह सहित प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे और घायलों का हाल जाना।
ये हुए घायल
घायल हुए विद्यार्थियों में सत्यव्रत, सोनम, मयंक, परीक्षित, दीपांशी, वंश, नितिन, दिपेश तथा देव तथा स्कूल वैन के कंडेक्टर सोमवीर व ड्राईवर लाला शामिल हैं। इनमें गंभीर हालत के चलते सोमवीर, लाला के अलावा विद्यार्थी सत्यव्रत, देव तथा वंश को रोहतक पीजीआई रेफर किया गया जहां वंश ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
खेतों में कार्य कर रहे किसान युवाओं ने घायल बच्चों को निकाला बाहर
हादसे के चश्मदीद युवा किसान विकास ने बताया कि हादसे के समय रोड के साथ लगते खेतों में अपना कार्य कर रहे थे। जब उन्होंने रोड पर भीड़ जमा देखी तो वह अपने अन्य साथियों को आवाज लगाते हुए दौड़ कर घटना स्थल पर पहुंचा। उसने देखा कि टक्कर लगने से गाड़ी का अगला हिस्सा पिचका हुआ है। उसके बाद खेत में खड़ा टै्रक्टर लाकर बेल की सहायता से गाड़ी की खिड़की तोड़ कर उसके अगले हिस्से में फंसे कंडेक्टर, ड्राईवर व दो बच्चों को बाहर निकाला। जबकि इस दौरान पिछले हिस्से में बैठे अन्य बच्चों को भी बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया।
मेडिकल कॉलेज के नजदीक होने के चलते शीघ्र मिल सका उपचार
घटना के साक्षी ग्रामीण युवा प्रदीप, जोधा, विक्की, योगेश, मंदीप, अभिमन्यु, अनिल, मंदू, रमेश आदि ने बताया कि गणीमत यह रहा कि घटनास्थल के नजदीक ही मेडिकल कॉलेज होने के चलते शीघ्र ही घायलों को उपचार मुहैया कराया जा सका। शीघ्र मेडिकल सहायता मिलने के कारण भी घायलों की जान बचाई जा सकी है। संयोगवश मेडिकल कॉलेज के समीप घटना का होना भी बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ।
ग्रामीणों ने लिया बच्चों को बस में भेजने का निर्णय
गिरावड़ गांव के स्टैंड के पास हुए हादसे के बाद ग्रामीणों ने ग्राम सरपंच के साथ बातचीत कर मांग उठाई की स्कूल वैनों के अंदर क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाया जाता है। इस घटना में भी अगली सीटों पर ड्राईवर व कंडेक्टर के अलावा दो बच्चों को बैठाया गया था। उन्होंने निर्णय लिया कि उनके गांव के विद्यार्थियों को स्कूल की बसों में ही भेजा जाएगा। इसके अलावा उन्होंने प्रशासन से समय-समय पर स्कूलों में लगी वैन व छोटी गाड़ियों की कंडीशन व दस्तावेजों की जांच किए जाने का आग्रह भी किया। ग्रामीण प्रदीप, जोधा, विक्की, योगेश, मंदीप, अभिमन्यु, अनिल, रमेश ने कहा कि यहां मेन चौक बनाए जाने की भी जरुरत है।
हादसे के बाद क्षतिग्रस्त हुए वैन व टैंकर को देखते हुए ग्रामीण।
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