फीस ना भरने पर बच्चों को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं रख सकते स्कूल, हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को दिए कार्रवाई के आदेश

कोविड-19 के चलते स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है, लेकिन ऐसे बहुत मामले सामने आ रहे हैं जिसमें फीस न अदा करने वाले छात्रों को स्कूल ऑनलाइन क्लास लगाने की इजाजत नहीं दे रहे। ऐसे ही एक मामले में आरोप लगाया गया कि याचिकाकर्ता के बच्चों को ऑनलाइन क्लास व परीक्षा में बैठने की इजाजत नहीं दी जा रही। याचिका में आरोप लगाया गया कि शिक्षा विभाग के अधिकारी ऐसे विषय के प्रति गंभीर नहीं है।
हाई कोर्ट ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार को कहा कि वो इस बाबत जवाब दायर करे। इसी मामले में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के बच्चों को परीक्षा में शामिल करने के स्कूल प्रशासन को आदेश दिया था। हाईकोर्ट के जस्टिस सुधीर मित्तल ने यह आदेश स्टूडेंट पेरेंट्स वेलफेयर ग्रुप कैथल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकर्ता की तरफ से दलील दी गई थी उसने निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन व अन्य फीस बढ़ाने को हाई कोर्ट में चुनौती दी हुई है। उनके मामले की सुनवाई अभी हाई कोर्ट में विचाराधीन है। इस बीच प्रतिवादी स्कूल ने गृह परीक्षा के लिए डेटशीट जारी कर दी है लेकिन जिन बच्चों की फीस जमा नहीं करवाई उनको परीक्षा में नहीं बैठने नहीं दिया जा रहा। हाई कोर्ट को बताया गया कि कई स्तर पर यह आदेश जारी हो चुके हैं कि अगर कोई विद्यार्थी फीस नहीं जमा करवा पाता है तो उसे परीक्षा से नहीं रोका जा सकता। लेकिन स्कूल इन आदेश की पालना नहीं कर रहे। याची पक्ष ने इस मामले में हाई कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की। याची पक्ष की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि वो इस मामले में लगाए आरोपों की जांच करे वे अगर आरोप सही हैं तो स्कूल के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
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