कक्षा छठी से 8वीं तक के विद्यार्थियों के लिए भी खुले स्कूल, पहले दिन 30 प्रतिशत पहुंचे विद्यार्थी

कक्षा छठी से 8वीं तक के विद्यार्थियों के लिए भी खुले स्कूल, पहले दिन 30 प्रतिशत पहुंचे विद्यार्थी
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हरियाणा राज्य में कोरोना संक्रमण के बीच आखिरकार 10 माह बाद सोमवार को कक्षा छठी से आठवीं तक के लिए स्कूल खिले। अब इन बच्चों की कक्षाएं स्कूलों में नियमित लगेंगी। हालांकि अधिकतर सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति मात्र 30 प्रतिशत ही रही।

हरियाणा राज्य में कोरोना संक्रमण के बीच आखिरकार 10 माह बाद सोमवार को कक्षा छठी से आठवीं तक के लिए स्कूल खिले। अब इन बच्चों की कक्षाएं स्कूलों में नियमित लगेंगी। हालांकि अधिकतर सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति मात्र 30 प्रतिशत ही रही। वहीं निजी स्कूलों में बच्चों की संख्या करीब 80 प्रतिशत रही। साथ ही जो विद्यार्थी बिना मास्क और स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट के स्कूल में आए तो शिक्षकों द्वारा उन्हें वापस भेज दिया गया।

निजी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या सरकारी स्कूलों से ज्यादा रही। विद्यार्थियों द्वारा लाई गई स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट किसी भी पीएचसी और सीएचसी व नागरिक अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक द्वारा जारी होनी चाहिए जो स्कूल प्रांगण में प्रवेश से 72 घंटे पुरानी नहीं होनी चाहिए। वहीं चार दिन पहले बृहस्पतिवार को शिक्षा निदेशालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक फरवरी से छठी से आठवीं कक्षा के स्कूल शुरू करने के निर्देश दिए थे।

ऐेसे में इतने कम समय में अपनी स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट लाना गले की फांस बना हुआ है। दिनभर अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर बच्चों व अभिभावकों की भीड़ लगी रही। हालांकि कुछ स्कूलों में शिक्षकों द्वारा अपने स्तर पर विद्यालय परिसर में विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच के लिए पीएचसी व सीएचसी पर संपर्क किया जा रहा है। चिकित्सकों द्वारा एक या दो दिन में विद्यार्थियों की जांच स्कूल प्रांगण में करवाने का आश्वासन शिक्षकों को मिल रहा है।

विद्यार्थियों को थर्मल स्केनिंग और सेनिटाइजर के बाद मिला स्कूल में प्रवेश

पहले दिन सभी स्कूलों में विद्यार्थियों को थर्मल स्केनिंग और सेनिटाइजर के इस्तेमाल के बाद ही विद्यार्थियों को कक्षाओं में प्रवेश दिया गया। इसके अतिरिक्त सभी विद्यार्थियों के लिए मुंह पर मास्क लगाना भी अनिवार्य किया गया है। कक्षाओं में बच्चों को सोशल डिस्टेंस के साथ बैठाया गया। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों को सख्त निर्देश जारी किए गए कि वे अपना कोई सामान अन्य सहपाठी को न दे और न ले। वहीं पानी की बोतल आदि भी अपने घर से ही लेकर आए। विद्यार्थियों के साथ-साथ अध्यापकों को भी इंट्री थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही दी गई।

विद्यार्थियों को जागरूक करने में जुटे स्कूल संचालक

प्राचार्य सुनील नेहरा ने बताया कि स्कूल में प्रवेश के साथ ही स्कूल संचालकों ने विद्यार्थियों को कोरोना नियमों से अवगत कराते हुए सभी नियमों की पालना के आदेश दिए। पहले दिन काफी कम संख्या में विद्यार्थियों के पहुंचने के बाद स्कूल संचालकों ने नियमों के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करना शुरू कर दिया है।

30 प्रतिशत पहुंचे विद्यार्थी

सोमवार से छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोल दिए गए। पहले दिन राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों ने 30 फीसदी उपस्थिति ही दर्ज करवाई है। सभी को कोरोना नियमों की पालना के साथ पढ़ाई जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं अगर कोई भी स्कूल दिशा-निर्देशों की पालना नहीं करता है उनके खिलाफ विभागी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। किसी भी सूरत में स्कूल संचालक बिना स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट के विद्यार्थियों को स्कूल में प्रवेश की अनुमति नहीं दे। इसके अलावा अभिभावकों की अनुमति होना भी बहुत जरूरी है। आने वाले दिनों में विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा होगा।


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