राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास पहुंची शिकायत, शीतलहर में कक्षाएं लगाने के फैसले पर हसला नेताओं की आपत्ति

चंडीगढ़। हरियाणा में शीतलहर अवकाश (Winter Holiday) के दिनों में कक्षाएं लगाने और बच्चों को बुलाने के मामले में जहां हसला नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। वहीं मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) में शिकायत पहुंच गई है। उक्त पूरे मामले में सामाजिक कार्यकताओं ने राष्ट्रीय मानवाधिकार को शिकायत भेजकर इसमें तुरंत ही दखल देने की मांग की है।
यहां पर उल्लेखनीय है कि हरियाणा स्कूल लैक्चरर एसोसिएशन हसला ने शिक्षा विभाग द्वारा शीतलहर, धुंध के बीच में दसवीं और बारहवीं की कक्षाएं लगाने का फैसला अतार्किक व तुगलकी है। एसोसिएशन अध्यक्ष और बाकी पदाधिकारियों की ओर से निदेशक माध्यमिक शिक्षा से तुरंत ही इसे बंद कराने की मांग की है। हसला पदाधिकारियों का कहना है कि जब इन बच्चों को टैब दिए गए हैं, तो वर्चुअल कक्षाएं लगाई जा सकती हैं, सभी शिक्षक ऑनलाइन क्लास लेने को तैयार हैं।
संगठन के राज्य उपप्रधान तरसेम कौशिक आदि का कहना है कि इस समय मौसम को लेकर सभी स्कूलों में अवकाश है, बाकी राज्यों में भी स्कूल बंद कर दिए गए हैं, क्योंकि बच्चों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव होने का डर है। इस तरह कड़ाके ठंड में हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल खोलने और शिक्षकों बच्चों को बुलाने का फैसला कर अन्यायपूर्ण बात की है। इस तरह की ठंड में शिक्षक और बच्चे बीमार होने के साथ ही पढ़ाई भी ठीक ढंग से नहीं कर पाएंगे। सरकार की ओर से इन बच्चों को टैबलेट्स दिए गए लेकिन उनका उपयोग नहीं कर बिना वजह स्कूलों में बुलाने का तुगलकी फरमान दिया जा रहा है।
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