रुचिकर होगी विज्ञान व गणित की पढ़ाई : हरियाणा के 5715 मिडिल को 2.85 करोड़ व 3324 हाई स्कूलों को मिलेगी 3.32 करोड़ राशि

सतीश सैनी : नारनौल
हरियाणा में राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थी अब 6.17 करोड़ रुपयों से विज्ञान और गणित के सूत्र सीखेंगे। इस आशय का एक पत्र गत दिनों हरियाणा विद्यालय शिक्षक परियोजना परिषद के जॉइंट प्रोजेक्ट डायरेक्टर गौरव चौहान ने जारी किया।
पत्र के अनुसार प्रदेश के 22 जिलों के 5715 अपर प्राईमरी और 3324 उच्च विद्यालयों को छह करोड़ 18 लाख रुपये का बजट जारी किया है। इसके अनुसार प्रत्येक मिडिल स्कूल को 5000 रुपये की राशी भेजी गई है जबकि हाई स्कूल को 10000 रुपये प्रति स्कूल के हिसाब से भेजे गए हैं। विभाग ने इस अभियान को 'विज्ञान एवं गणित सहायक गतिविधि' नाम दिया है। अपने पत्र में जॉइंट डायरेक्टर ने प्रदेश के सभी जिला परियोजना संयोजक को निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में जारी पत्र के अनुसार राशि व्यय की जाए और इससे संबंधित हिदायतों का पालन किया जाए।
यह रहेंगे राशि के उपयोग के दिशा निर्देश
पत्र के अनुसार स्कूलों को बजट का एक भाग विज्ञानं एवं गणित से सम्बंधित गतिविधियों की सामग्री खरीदने केलिए व्यय करना होगा। यह गतिविधियां पाठ्य पुस्तकों से होनी चाहिए। इसके लिए विभाग ने एक सूची भी जारी की है। इसके अतिरिक्त इस राशि के उपयोग का विवरणन बनाए गए मॉडल का वीडियो, फोटो आदि भी विभाग को शेयर करना होगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में गतिविधि आधारित शिक्षण को बढ़ावा देना है। पत्र में यह भी कहा गया है कि अगर किसी प्रोजेक्ट में राशि कम रहती है तो स्कूल ग्रान का एक हिस्सा भी इसमें उपयोग किया जा सकता है।
निरीक्षण को बनेंगी टीमें
प्रत्येक जिले में जिला शिक्षा अधिकारी, जिला विज्ञान विशेषज्ञ (डीएसएस) व जिला गणित विशेषज्ञ (डीएमएस) की एक टीम बनेगी। जो इस माह कम से कम दस स्कूलों का निरीक्षण करेगी। यह टीम इन स्कूलों में जाकर बच्चों की इन गतिविधियों एवं मॉडल में सहभागिय, उनकी रूचि, बनाए गए मॉडल की उपयोगिता एवं प्रोजेक्ट के संदर्भ की जांच करेंगी। इसके अतिरिक्त दूसरी टीम में जिला परियोजना संयोजक (डीपीसी) और तीन सहायक परियोजना संयोजक (एपीसी) शामिल रहेंगे। यह टीम भी जिले के 10 स्कूलों का निरीक्षण करेगी। इसी प्रकार स्कूलों की जांच करेगी। विभाग की तीसरी टीम में बीआरपी, एबीआरसी एवं साइंस अथवा गणित के प्रवक्ता शामिल रहेंगे। यह टीम भी इन गतिविधियों का इसी प्रकार निरीक्षण करेगी। यह भी निर्देशित किया गया है कि यदि किसी टीम को लगता है कि किसी विद्यालय ने दूसरे स्कूल अथवा विद्यार्थी की हुबहू नकल करते हुए मॉडल बनाया है तो इस मॉडल का वीडियो या तस्वीर अधोहस्ताक्षरी को शेयर करना होगा। सभी टीमों को अपना निरीक्षण प्राफफोर्मा दिसम्बर के तीसरे सप्ताह तक भरकर भेजना होगा।
क्या कहती डीपीसी
नारनौल डीपीसी राजबाला ने बताया कि पत्र मिल चुका है। इस अभियान को 'विज्ञान एवं गणित सहायक गतिविधि' नाम दिया है। सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों में विज्ञान व गणित विषय को रुचिकर और प्रभावी बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है।
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