हरियाणा में AIIMS बनने में फिर फंसा पेंच : खत्म नहीं हो रहा शिलान्यास का इंतजार, एम्स की जमीन पर लहलहा रही फसल

नरेन्द्र वत्स : रेवाड़ी
हरियाणा के रेवाड़ी जिले के माजरा में लगभग 210 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( aiims ) के शिलान्यास का इंतजार लंबा खिंचता चला जा रहा है। एक बार फिर शिलान्यास के रास्ते में राजनीतिक खेल अपना काम करने लगा है। जिस 189 एकड़ जमीन पर केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का कब्जा हो चुका है, उस जमीन पर अभी किसानों की सरसों और गेहूं की फसल लहलहा रही है। एम्स निर्माण कार्य शुरू कराने में हो रही देरी के खिलाफ एम्स संघर्ष समिति एक बार फिर 3 दिसंबर को बैठक के बाद आंदोलन के अगले चरण की रूपरेखा तैयार करने जा रही है।
लगभग सात साल पूर्व हुई एम्स के घोषणा के बाद से ही केंद्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी परियोजना बड़े उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रही है। सीएम मनोहर लाल ने जुलाई 2015 में मनेठी में एम्स का निर्माण कराने की घोषणा के बाद से ही इसके शिलान्यास का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मनेठी में अरावली वन क्षेत्र आड़े आने के बाद माजरा में इसके निर्माण के लिए 189 एकड़ जमीन सरकार के नाम कराने के बाद केंद्र को इसका कब्जा दिया जा चुका है। परियोजना को जमीन के कब्जे तक पहुंचाने में एम्स संघर्ष समिति के आंदोलन से लेकर एम्स निर्माण समिति के जमीन सरकार के नाम कराने के प्रयास सराहनीय रहे हैं।
अभी तक एम्स निर्माण समिति बची हुई जमीन के टुकड़ों की रजिस्ट्री कराने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। समिति को 210 एकड़ जमीन सरकार के नाम कराकर उसका कब्जा केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सुपुर्द करना है। अभी भी 2 एनआरआई और 7 नाबालिग सहित 14 लोगों की रजिस्ट्रियां सरकार के नाम कराना कमेटी के लिए चुनौती बना हुआ है। यह सभी रजिस्ट्रियां होने के बाद ही सरकार को एम्स के लिए आवश्यक 210 एकड़ जमीन सरकार के नाम हो सकेगी। एम्स के लिए सरकार को जमीन दे चुके किसानों ने अभी भी इस जमीन पर सरसों और गेहूं की खेती की हुई है, परंतु किसानों का कहना है कि निर्माणकार्य शुरू होने की सूरत में वह फसल छोड़ने को भी तैयार हैं।
क्रेडिट को लेकर फंस रहा बड़ा पेंच
एम्स के नाम जमीन का कब्जा होने के बाद केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने इसका पीएम के हाथों जल्द शिलान्यास कराने का दावा बार-बार किया जा रहा है। वह कई बार दोहरा चुके हैं कि पीएम के हाथों एम्स का शिलान्यास कराने के लिए वह लगातार पीएमओ से संपर्क बनाए हुए हैं। उनके 'राजनीतिक शिष्य' डा. बनवारीलाल भी यह दावा कर चुके हैं कि सीएम मनोहरलाल एम्स के शिलान्यास के लिए पीएमओ से संपर्क बनाए हुए हैं। बार-बार शिलान्यास जल्द कराने का राग अलापा जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि एम्स का क्रेडिट लेने की अंदरूनी जंग के चलते इसके शिलान्यास में लगातार देरी हो रही है। अब गुजरात चुनावों में पीएम मोदी की व्यस्तता शिलान्यास में देरी का बहाना साबित हो रही है। राव और भाजपा के बीच पटरी सही नहीं बैठना एम्स के शिलान्यास में देरी का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है।
संघर्ष समिति की अगली रणनीति 3 को
एम्स संघर्ष समिति लगातार सरकार पर एम्स निर्माण के लिए दबाव बनाने में कामयाब होती रही है। शिलान्यास में हो रही देरी को देखते हुए समिति ने 3 दिसंबर को मनेठी में बैठक बुलाकर आंदोलन के नए चरण की रूपरेखा तैयार करने का निर्णय लिया है। समिति के प्रधान श्योताज सिंह ने बताया कि एम्स का निर्माणकार्य शुरू होने में लगातार देरी की जा रही है। अगर जल्द शिलान्यास की घोषणा नहीं की गई, तो समिति एक बार फिर से आंदोलन करने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि समिति ने सरकार की आंखें खोलने के लिए क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य की जांच में खुद भागीदार बनने का निर्णय लिया है। इसके लिए मनेठी के बाबा ध्यानदास मंदिर में 11 दिसंबर को ब्लड व हेल्थ चेकअप कैंप लगाया जा रहा है, जिसमें लोगों को मुफ्त उपचार की सुविधा भी दी जाएगी।
जल्द शिलान्यास के प्रयास जारी
एम्स का निर्माणकार्य जल्द शुरू कराने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। सीएम मनोहरलाल और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह दोनों पीएमओ से इसके लिए समय मांग चुके हैं। सरकार का प्रयास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जल्द इस परियोजना का शिलान्यास करें। -डा. बनवारीलाल, कैबिनेट मंत्री, हरियाणा सरकार
कई बार कर चुके मंत्रियों से मांग
एम्स निर्माण समिति ने कड़ी मशक्कत के बाद जमीन सरकार के नाम कराने की प्रक्रिया को अंजाम दिया है। अभी भी जमीन का थोड़ा सा हिस्सा बचा हुआ है। समिति एम्स का शिलान्यास जल्द कराने के लिए बार-बार केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और कैबिनेट मंत्री डा. बनवारीलाल से आग्रह कर चुकी है। - जगदीश यादव, प्रधान, एम्स निर्माण समिति।
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