हरियाणा और यूपी को जोड़ने वाले यमुना नदी पर बन रहे ओवरब्रिज के निर्माण पर फंसा यह पेंच

हरिभूमि न्यूज . रादौर ( यमुनानगर )
यमुना नदी पर बन रहे हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले ओवरब्रिज के निर्माण कार्य में पेंच फंसता दिखाई दे रहा है। जिन किसानों की भूमि ओवरब्रिज के निर्माण के लिए अधिग्रहण की गई है उनमें से कुछ किसानों ने भूमि की मार्किट वेल्यू अनुसार मुआवजा नहीं मिलने पर विभाग के नाम रजिस्ट्री करवाने से मना कर दिया।
किसान बोले 8 लाख मुआवजा देने का प्रयास, लेकिन 16 लाख से अधिक उनका हक
किसान शिवकुमार, सुशील, लखन, राजपाल, शीशपाल, रामप्रसाद, अमीचंद नंबरदार का कहना है कि उनकी जमीन पहले दरियाबुर्द थी। जमीन के ऊपर से पानी चलता था। लेकिन पिछले कई वर्षों से उनकी जमीन में बेहतर खेती होने लगी है। लेकिन राजस्व विभाग में रिकॉर्ड पुराना ही है। अब पीडब्लयूडी विभाग ने ओवरब्रिज के निर्माण के लिए उनकी भूमि का अधिग्रहण किया है। लेकिन उनकी भूमि के रेट दरियाबुर्द के हिसाब से ही लगाए हैं, जो कि गलत है। विभाग की ओर से बेहतर भूमि का 16 लाख प्रति एकड़ से अधिक मूल्य विभाग दे रहा है। जबकि उन्हें केवल 8 लाख रूपये देने की बात कही जा रही है, जो कि गलत है। उन्होंने मांग की कि उनकी भूमि का भी उन्हें 16 लाख से अधिक मुआवजा मिलना चाहिए। जिसको लेकर वह कई बार उच्चाधिकारियों से मिल चुके हैं। लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई विभाग ने नहीं की। अगर उन्हें विभाग उचित मुआवजा नहीं देता तो वह भूमि की रजिस्ट्री नहीं करवाएंगे।
अधिकारी कर रहे किसानों को समझाने का प्रयास
पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सईएन राजकुमार, एसडीओ जसमेर सिंह व जेई विशाल कुमार ने शुक्रवार को ओवर ब्रिज निर्माण कार्य के पास पहुंचकर किसानों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन घंटों तक चली बातचीत में कोई हल नहीं निकला। अधिकारियों ने किसानों को जल्द ही समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है। किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह अपनी भूमि का अधिग्रहण नहीं होने देंगे।
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