रोडवेज और निजी बस चालकों पर शिकंजा : बसों में लगाई जाएगी व्हीकल लोकेशन ट्रेस डिवाइस

विजय अहलावत : रोहतक
प्रदेश भर में रोडवेज और निजी बस चालकों पर शिकंजा कसने के लिए बसों में वीएलटीडी (व्हीकल लोकेशन ट्रेस डिवाइस) लगाए जांएगे। परिवहन विभाग द्वारा इस संदर्भ में आरटीए को आदेश जारी किए गए हैं। शुरूआत में रोडवेज बसों में डिवाइस लगाई जाएगी फिर निजी बसों में डिवाइस लगेगी। इस डिवाइस की वजह से बस की लोकेशन को ट्रेस किया जा सकेगा। इससे यात्रियों का सफर और सुखद हो सकेगा। बस चालक कहीं मनमानी नहीं कर सकेंगे। उन्होंने बेवजह बस रोकी तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।
मामले के अनुसार, पिछले कुछ समय से प्रदेश के कई डिपों में शिकायतें मिल रही हैं कि बस चालक अपने समय के अनुसार रूट पर नहीं पहुंच रहे। स्टैंड से बस को समय पर लेकर चले जाते हैं और बस में सवारी कम होने पर कई जगह बस को रोककर खड़े हो जाते हैं। इससे अगले स्टैंड पर पहुंचने में बस को देरी होती है। यदि बस में सवारी पूरी हैं तो छोटे स्टैंड पर बस रोकने की बजाय आउटर से चले जाते हैं। जबकि सवारी छोटे स्टैंड पर ही इंतजार करती रहती है। इसके अलावा बसों को किसी होटल, ढाबों पर रोेके जाने की सूचनाएं भी मिल रही हैं। जिस पर लगाम कसने के लिए परिवहन विभाग ने योजना तैयार की है। इसके तहत रोडवेज और निजी बसों की लोकेशन ट्रेस की जाएगी। सभी बसों में व्हीकल लोकेशन ट्रेस डिवाइस लगाई जाए।
इस तरह कसा जाएगा शिकंजा : मान लिजिए रोहतक से पानीपत बस पहुंचने में डेढ़ घंटे का समय लगता है और चालक बस लेकर करीब सवा दो या ढाई घंटे में पहुंचता है। ऐसे में उसे विभाग को जवाब देना होगा कि बस देरी से क्योें आई। मुख्यालय से इसकी रिपोर्ट जिला स्तर को भेजी जाएगी कि आपके डिपो की इतनी बसें आज निर्धारित समय से लेट पहुंची हैं।
मुख्यालय बनेगा कंट्रोल रूम : पूरे राज्य में चलने वाली बसों की लोकेशन ट्रेस करने के लिए कंट्रोल रूम मुख्यालय में बनाया जाएगा। इसके अलावा एक कंट्रोल रूम जिला स्तर पर भी तैयार किया जाएगा। जहां से आसानी से बसों पर नजर रखी जा सकेगी। सूत्रों का कहना है कि रोडवेज बसों में सरकार अपने खर्च पर डिवाइस लगवाएगी, जबकि निजी बसों में बस मालिक को अपने खर्च पर यह डिवाइस लगवानी होगी। जो डिवाइस नहीं लगवाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आदेश जारी : मुख्यालय की तरफ से आदेश जारी किए जा चुके हैं। एक माह में रोडवेज बसों में डिवाइस लगाए जाएंगे। दूसरे चरण में निजी बसों में डिवाइस लगाई जाएगी। इस डिवाइस की मदद से बस की लोकेशन को ट्रेस किया जा सकेगा। चालक बस लेकर देरी से पहुंचा तो उससे जवाब मांगा जाएगा। इससे यात्रियों का समय बचेगा और उन्हें बस के लिए इंतजार नहीं करना होगा। - डॉ. संदीप गोयत, आरटीए सचिव रोहतक
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