मोरनी क्षेत्र में सर्वे : अवैध निर्माण और कब्जों पर कसेगा शिकंजा, वन क्षेत्र से छेड़छाड़ करने वालों पर पैनी नजर

योगेंद्र शर्मा : चंडीगढ़। हिमाचल की सीमा से सटे हरियाणा के एक मात्र पहाड़ी क्षेत्र मोरनी को लेकर सूबे के वन विभाग के अफसरों द्वारा कड़ी मॉनिटरिंग की जा रही है, ताकि इस क्षेत्र के वन क्षेत्र में छेड़छाड़, अवैध कब्जे और गतिविधियां नहीं हों। इतना ही नहीं क्षेत्र में भारतीय सर्वेक्षण संस्थान को सर्वेक्षण का काम सौंपा गया है, जो आने वाले एक साल के अंदर पूरा हो जाएगा। जिसके बाद में ग्रामीण क्षेत्र, जंगलात और राजस्व विभाग की जमीन पूरी तरह से चिन्हित हो जाएगी। विभागीय अफसर इस क्षेत्र में वन्य प्राणियों, वन क्षेत्र को लेकर गंभीर हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी को लगातार इस इलाके का फीडबैक जा रहा है। इक्का दुक्का घटनाओं को लेकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट भी इन इलाकों में अवैध निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगाने का आदेश दे चुका है।
वन विभाग और वन्य प्राणी मामलों से जुड़े अफसर ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि सर्वेक्षण का कामकाज तेजी के साथ में चल रहा है। एक साल के अंदर इसे पूरा किया जाना है, उसके बाद भी विभाग की टीमें इन इलाकों में निर्माण, राजस्व विभाग की जमीन के साथ--साथ ग्रामीण इलाकों में गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। लगभग 60 हजार एकड़ इलाके में सर्वेक्षण के बाद में साफ हो जाएगा, वन क्षेत्र, राजस्व विभाग व ग्रामीणों की पंचायती जमीन कितनी व कहां कहां है। वैसे, हरियाणा का लगभग सौ किलोमीटर का एरिया हिमाचल की सीमा से सटा हुआ है।
चारदीवारी की योजना
सर्वे का काम हो जाने और जगह चिन्हित हो जाने के तुरंत बाद में जहां हिमाचल से सटी सीमा पर चारदीवारी की योजना है। साथ ही अवैध कब्जे, अवैध निर्माण व जंगलात में बिना परमिशन कोई भी गतिविधि करने वालों के निर्माण पर बुलडोजर चलेगा।
टूरिज्म पालिसी से बढ़ेगी हलचल
अधिकारी यह भी मानते हैं कि आने वाले वक्त में भारत सरकार की पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने की पालिसी को राज्य सरकार भी अपना रही है। इस तरह से आने वाले दिनों में इन इलाकों में पर्यटन आदि की गतिविधियां बढ़ना स्वाभाविक है, राज्य की मनोहर सरकार द्वारा (होम टूरिज्म) की शुरुआत भी हिमाचल की तर्ज पर कर दी है। इससे शहरी लोगों को ग्रामीण इलाकों में समय बिताने के साथ-साथ ही वहां की जीवन शैली नजदीक से जानने का वक्त मिलेगा।
कब्जों से वन्य अधिकारी भी चिंतित : वन्य प्राणियों को सुरक्षित रखने के लिए जंगलात सुरक्षित रखने की दिशा में काम कर रहे वन विभाग के अधिकारी इन इलाकों में ज्यादा हलचल नहीं चाहते, क्योंकि इन इलाकों में चीतों के साथ-साथ में हिरन, जंगली जानवरों, अजगर, सांभर, नीलगाय के अलावा दुर्लभ किस्म के पक्षी भी मिलते हैं। पूरे देश में 1230 तरह की प्रजातियां चिड़िया की हैं, जिसमें से साढ़े चार सौ के करीब हरियाणा में पाई जाती हैं। भारतीय वन्य जीव संस्थान की टीमें भी इन इलाकों में वक्त वक्त पर सर्वे करने के साथ ही इनके संरक्षण का काम कर रही हैं।
अवैध कब्जों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री कंवरपाल गुर्जर का कहना है कि मोरनी क्षेत्र अथवा प्रदेश में किसी अन्य स्थान पर वन क्षेत्र में छेड़छाड़ अवैध निर्माण, कब्जे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे, इन इलाकों में जिन अधिकारियों, कर्मियों की ड्यूटी है, उनको ईमानदारी के साथ में अपना काम करना चाहिए, इस तरह की कोई शिकायत मिले, तो तुरंत ही कार्रवाई करें।
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