बेलगाम सीएससी संचालकों पर कसेगा शिकंजा, निर्धारित रेटों का चार्ट लगाना अनिवार्य, अगले सप्ताह से शुरू होगी सेंटरों की जांच

बेलगाम सीएससी संचालकों पर कसेगा शिकंजा, निर्धारित रेटों का चार्ट लगाना अनिवार्य, अगले सप्ताह से शुरू होगी सेंटरों की जांच
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उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने सीएससी संचालकों को आदेश दिए हैं कि वे सीएससी के बाहर सेवाओं के शुल्क और नि:शुल्क सेवाओं को दर्शाने वाले चार्ट चिपकाएं ताकि लोगों को उनके कार्यों की फीस का पता चल सके।

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी। कॉमन सर्विस सेंटरों पर मनमाने तरीके से विभिन्न सेवाओं के लिए फीस वसूल करने वाले संचालकों पर प्रशासन जल्द शिकंजा कसने जा रहा है। उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने सीएससी (CSC) संचालकों को आदेश दिए हैं कि वे सीएससी के बाहर सेवाओं के शुल्क और नि:शुल्क सेवाओं को दर्शाने वाले चार्ट चिपकाएं, ताकि लोगों को उनके कार्यों की फीस का पता चल सके। एक सप्ताह बाद सभी कॉमन सर्विस सेंटरों की चेकिंग की जाएगी। चार्ट नहीं लगाने वाले सीएससी सेंटरों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

कई सीएससी संचालक लोगों से मनमाने दाम वसूल कर रहे हैं। कई सेवाओं के लिए तो दस गुणा से भी ज्यादा पैसा वसूल किया जा रहा है। अधिकांश सीएससी पर मुफ्त सेवाओं के नाम पर कुछ नहीं मिलता। उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि सभी सीएचसी संचालकों को एक सप्ताह में सेंटरों के बाहर रेट कार्ड चस्पा करने होंगे। उन्हें रेट कार्ड के अनुसार ही लोगों से फीस वसूलनी होगी। इसके बाद जांच अभियान चलाया जाएगा। अगर कोई भी सीएससी संचालक नियमों की उल्लंघना करते हुए पाया गया, तो तत्काल प्रभाव से उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

पीपीपी पर की अधिकारियों से समीक्षा

उपायुक्त ने पीपीपी से संबंधित समीक्षात्मक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कोई भी परिवार पीपीपी से वंचित नहीं रह पाए। पीपीपी में परिवार की आय और दूसरे आंकड़े सही हों। पीपीपी के लिए एलसी मैपिंग कराएं। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए परिवार पहचान पत्र सबसे महत्वपूर्ण दस्तावजे हैं, इसलिए कोई भी परिवार इससे वंचित नहीं रहना चाहिए।

परिवार पहचान पत्र के फायदे

परिवार पहचान पत्र से सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़ा रुकेगा। सिर्फ योग्य लाभार्थियों को ही योजनाओं का लाभ मिलेगा और गलत तरीके से फायदा उठा रहे लोग अलग हो जाएंगे। सरकार के पास पूरा रिकॉर्ड रहेगा कि किस व्यक्ति को किस योजना का लाभ मिल रहा है और किसे नहीं। आमजन को योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

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