वाहनों को कबाड़ से बचाने के लिए तलाशा बीच का रास्ता, एनओसी लेकर दूसरे राज्यों से पंजीकरण करा रहे हैं लोग

नरेन्द्र वत्स. रेवाड़ी। एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए डीजल के 10 व पेट्रोल से 15 साल से अधिक पुराने वाहनों पर रोक को देखते हुए वाहन मालिकों ने 'बीच का रास्ता' निकालना शुरू कर दिया है। इन वाहनों को कबाड़ से बचाने के लिए वाहनों के मालिक परिवहन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर उन अथॉरिटी से रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, जहां ऐसे वाहनों के परिचालन पर रोक नहीं है। आरटीए कार्यालय से अभी तक बड़ी संख्या में पुराने वाहनों की एनओसी ली जा चुकी हैं।
पुराने वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने के लिए अभी नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। इससे पहले ही भारी वाहनों के मालिक अपने वाहनों को कबाड़ होने से बचाने और इनके सुरक्षित परिचालन का रास्ता खोज चुके हैं। जिले में ऐसे वाहनों की संख्या करीब 35 हजार के आसपास है। पुराने वाहनों पर रोक अभी तक सिर्फ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लगाई गई है। ऐसे में वाहन मालिक अपने वाहनों का पंजीकरण नंबर उन अथॉरिटी से कराने में लगे हुए हैं, जहां वहां यह आयु सीमा निर्धारित नहीं है। अथॉरिटी बदलवाने के लिए आरटीए कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया जाता है। इसके बाद वाहन को दूसरे राज्यों में पंजीकृत कराया जा सकता है।
अभी तक हल्के निजी वाहन मालिकों ने पंजीकरण बदलवाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है, जबकि भारी व्यासायिक वाहन मालिक लगातार अपने वालनों की एनओसी ले रहे हैं। अथॉरिटी की ओर से एक सीरिज के 9999 नंबर अलॉट किए जाते हैं। इनमें से ए सीरीज के सभी वाहन कंडम होने की श्रेणी में जा चुके हैं। बी सीरीज के आधे से अधिक वाहन इस कैटेगिरी में शामिल हो चुके हैं। इस समय जिले में कमर्शियल व्हीकल्स के लिए ई सीरीज चल रही है। इसके अलावा बड़ी संख्या में निजी वाहन भी हैं, जिनका परिचालन कोर्ट के आदेशानुसार अवैध होगा। ऐसे वाहनों को इंपाउंड होने के बाद छुड़वाना आसान नहीं होगा।
अभी नोटिफिकेशन नहीं आया
दस और पंद्रह साल पुराने वाहनों पर रोक लगाने के लिए अभी तक नोटिफिकेशन जारी नहीं हुई है। आरटीए अधिकारियों की ओर से ऐसे वाहनों का इंपाउंड तो किया जा रहा है, परंतु नोटिफिकेशन नहीं होन के कारण वाहन कोर्ट के ओदश से सुपर्ददारी पर छूट जाते हैं। पुराने हैवी व्हीकल्स की संख्या में अभी तक कोई खास कमी नहीं आई है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ही पुराने वाहनों को कबाड़ में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
रजिस्ट्रेशन बदलकर चला रहे वाहन
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई ट्रांसपोर्टरों ने आरटीए कार्यालय से एनओसी लेने के बाद अपने वाहनों का पंजीकरण नागालैंड व दूसरे राज्यों से कराना शुरू कर दिया है। जिन राज्यों में यह रोक नहीं है, उन राज्यों से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ट्रांसपोर्टर इन वाहनों को एनसीआर में धड़ल्ले से दौड़ा रहे हैं। आरटीए कार्यालय में बड़ी संख्या में वाहन मालिक एनओसी के लिए आ रहे हैं। दूसरे राज्यों में पंजीकरण कराने के बाद इनके वाहन कुछ और साल तक आसानी से चल सकते हैं।
हमने पुराने वाहनों को इंपाउंड करने की कार्रवाई शुरू की हुई है। अभी तक नोटिफिकेशन नहीं होने के कारण यह वाहन कोर्ट से सुपुर्ददारी पर छूट जाते हैं। पुराने वाहन मालिक दूसरे राज्यों से पंजीकरण के लिए बड़ी संख्या में एनओसी ले चुके हैं। -गजेंद्र कुमार, सचिव, आटीए।
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