दोस्त को रोज नए कपड़े पहनते देख मन में आया लालच, अपहरण करके परिजनों से मांगे एक करोड़

दोस्त को रोज नए कपड़े पहनते देख मन में आया लालच, अपहरण करके परिजनों से मांगे एक करोड़
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साथी ही निकला अपहरण कांड का मास्टर माइंड, पुलिस ने अपहरण करने वाले चार में से एक आरोपित को गुरुग्राम से पकड़ा, मास्टर माइंड को घर से उठाकर ले गई पुलिस।

हरिभूमि न्यूज : नारनौल

पांच दिन पहले 22 फरवरी की दोपहर स्कूल से लौट रहे छात्र दिनेश का मंढाणा-कोजिंदा के बीच निर्माणाधीन हाईवे के पास अपहरण हो गया था। पुलिस दिन-रात इस मामले को सुल­झाने में जुटी हुई थी। इसी बीच दो दिन बाद 24 फरवरी को छात्र दिनेश के चचेरे भाई रविंद्र व चाचा भीमसिंह के पास अलग-अलग मोबाइल नंबर से कॉल आई और 1 करोड़ की फिरौती की डिमांड की। पीड़ित परिवार ने पुलिस को मामले से अवगत करवाया।

आखिरकार कड़ी मेहनत के बाद छात्र दिनेश को गुरुग्राम से सकुशल पुलिस लाने में कामयाब रही। जब जांच-पड़ताल की गई तो सामने आया कि छात्र दिनेश का अपहरण करवाने का मास्टर माइंड उसी का दोस्त हिमांशु सैनी है। यह परिवार से ही है। अब तक पुलिस ने इस मामले में मास्टर माइंड हिमांशु सहित एक गुरुग्राम के युवक को पकड़ा है। अपहरण के दौरान इस्तेमाल की गई स्कोर्पियो गाड़ी भी पुलिस के हाथ लगी है। दोनों आरोपितों को शुक्रवार को अदालत के निर्देश पर पांच दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। अभी पुलिस बाकी तीन आरोपितों की तलाश में जुटी है। सदर पुलिस थाना में मीडिया से रूबरू होते हुए डीएसपी अमरजीत सिंह ने बताया कि ढाणी किरारोद वासी छात्र दिनेश आरोही मॉडल स्कूल मंढाणा में 12वीं का छात्र है। उसके साथ चचेरा भाई दिनेश और परिवार में ही उसका गहरा दोस्त हिमांशु स्कूल जाते हैं। हिमांशु के मन में लालच आया कि दिनेश आए दिन नए कपड़े व बुलैट बाइक सहित पूरे ऐशो आराम से रहता है। उसने यह चर्चा बुआ के लड़के विकास से की।

विकास गुरुग्राम में रहता है। विकास की संगति अपराधिक लोगों से है। इसी के चलते छात्र दिनेश का अपहरण कर परिजनों से फिरौती मांगने का प्लान बनाया गया। इस कार्य के लिए विकास ने अपने साथ अजय, विशाल व रोहित को साथ लिया। इन चारों को 22 फरवरी की सुबह स्कूल जाते वक्त ही दिनेश को अपहरण करना था। लेकिन वह लेट हो गए। इस कारण स्कूल की छुट्टी होने तक दोपहर तक यह स्कोर्पियो गाड़ी से नारनौल शहर में घुमते रहे। समय होने पर यह फिर से मंढाणा-कोजिंदा के बीच निर्माणाधीन हाइवे के पास पहुंचे और दिनेश का अपहरण किया। उस वक्त विकास गाड़ी में ही चेहरे पर कपड़ा ढककर बैठा रहा ताकि दिनेश उसे मौके पर पहचान ना सके। इन लोगों ने स्कोर्पियो गाड़ी की नंबर प्लेट में बदली हुई थी। इन लोगों ने बीच रास्ते में स्कोर्पियो से उतरकर अल्टो गाड़ी का इस्तेमाल किया। यह बदमाश छात्र दिनेश को लेकर गुरुग्राम में सोहना रोड पर पार्क हॉस्पिटल के पास एक कमरे में पहुंचे। यहां दो दिन से उसे रस्सी से बांधकर रखा और भोजन भी करवाया।

परिजनों से मांगी 1 करोड़ की फिरौती, कॉल ट्रैस हो गई

22 फरवरी की दोपहर छात्र दिनेश के भाई रविंद्र व चाचा भीमसिंह के पास अलग-अलग नंबर से कॉल आई और 1 करोड़ की फिरौती मांगी गई। इसके बाद रविंद्र पुलिस को लेकर लॉकेशन की ओर दौड़ पड़े। बार-बार फिरौती के लिए कॉल आती रही और 50 लाख, फिर 30 लाख, 20 लाख फिर मौके पर ही मौजूद 12 लाख लेकर आने की सहमति बनी। नारनौल, गुरुग्राम व नूंह पुलिस के आपसी सहयोग से आखिरकार छात्र दिनेश को गुरुग्राम से सकुशल लाने में पुलिस कामयाब रही। अभी तक पुलिस की गिरफ्त में गुरुग्राम वासी रोहित और ढाणी कोजिंदा वासी हिमांशु सैनी को गिरफ्तार किया गया। इन्हें शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया। जहां अदालत ने दोनों आरोपितों को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिए। अभी पुलिस तीन अन्य आरोपित अजय, विकास व विशाल वासी गुरुग्राम की तलाश में जुटी है।

शक ना हो दिनेश के परिजनों के साथ रहा मास्टर माइंड

छात्र दिनेश के चाचा भीमसिंह ने बताया कि पुलिस जांच में पता चला कि परिवार का ही व्यक्ति हिमांशु अपहरण करवाने का मास्टर माइंड है, बड़ा धक्का लगा। वह भतीजे दिनेश के साथ 10वीं से अब तक एक ही स्कूल में पढ़ रहा है। घर के एक साथ ही स्कूल जाते है। परिवार में शादी या अन्य कार्यक्रमों में आना-जाना नहीं है, लेकिन वैसे बच्चे आपसे में उठते-बैठते है। हैरानी की बात है कि दिनेश के अपहरण के बाद कई बार हिमांशु हमारे बच्चों के पास आया और हरसंभव सहायता करने का भरोसा दिलाया। यहां तक की पुलिस कार्रवाई नहीं होने पर जाम लगाने का भी सु­झाव दिया।

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