अटल भूजल योजना : कुरुक्षेत्र जिले के 32 नए गांवों का चयन

अटल भूजल योजना : कुरुक्षेत्र जिले के 32 नए गांवों का चयन
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ये गांव डार्क जोन की स्थिति में आते हैं और अटल भुजल योजना का लाभ उठाकर ग्रामीण लाडवा और शाहाबाद ब्लॉक में डार्क जोन की स्थिति को हल कर सकते है। इन गांवों का चयन करने का मुख्य लक्ष्य अगले 5 साल में सामाजिक भागीदारी और कम्युनिटी भागीदारी द्वारा भूजल की स्थिति का प्रबंधन करना है।

कुरुक्षेत्र : नव वर्ष 2022 के शुभ अवसर पर जिला इंप्लीमेंट पार्टनर टीम के सदस्यों ने अटल भूजल योजना में लाडवा ब्लॉक से 15 नए गांवों और शाहाबाद ब्लॉक से 17 नए लक्षित गांवों का चयन किया है। लाडवा के 15 नए गांवों के में बरोट, खरकाली, खेड़ी दबदलान, लाठी धनोरा, समालखा, शहजादपुर, जंधेड़ा, छलौंदी, सूरा, बड़सामी, दबखेड़ा, गजलाना, जोगी माजरा, पटाक माजरा और प्रहलादपुर शामिल है। इसी प्रकार शाहाबाद ब्लॉक के गांवों में खरिंडवा, खानपुर जट्टान, कतलाहरी, जोगी माजरा, जैनपुर, बीबीपुर, अहमदपुर, चढ़ुनी जाटान, मलिकपुर, मदनपुर, मोहनपुर, मोहड़ी, रतनगढ़, सुढपुर यारी और शरीफगढ़ शामिल है।

भूजल विशेषज्ञ एवं डीआईपी के टीम लीडर डॉ. नवीन नैन ने बताया कि इन नये लक्षित गांवों की सूची कुरुक्षेत्र जिले के लाडवा एवं शाहाबाद के प्रखंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, ग्राम सचिव, प्रखंड संसाधन व्यक्ति, अधीक्षण अभियंता, कम्युनिटी मोबिलाइजर व्यक्ति, सरपंच, गांव जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्य, चौकीदार, आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता के साथ साझा की जा रही है। ये गांव डार्क जोन की स्थिति में आते हैं और अटल भुजल योजना का लाभ उठाकर ग्रामीण लाडवा और शाहाबाद ब्लॉक में डार्क जोन की स्थिति को हल कर सकते है। इन गांवों का चयन करने का मुख्य लक्ष्य अगले 5 साल में सामाजिक भागीदारी और कम्युनिटी भागीदारी द्वारा भूजल की स्थिति का प्रबंधन करना है। भूजल के प्रबंधन के लिए विभिन्न जातियों के ग्रामीणों की भूमिका, विभिन्न भूमि धारकों के किसानों और महिलाओं की भागीदारी बहुत अनिवार्य है। ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों को भूजल एवं सतही जल के स्रोत के प्रबंधन के लिए सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन प्रशिक्षण एवं सुझाव दिये जा रहे है। सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन प्रशिक्षण गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और अंतर्राष्ट्रीय विकास में शामिल अन्य एजेंसियों द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक दृष्टिकोण है।

उन्होंने कहा कि दृष्टिकोण का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों जैसे पानी विकास परियोजनाओं जैसे अटल भुजल परियोजना और कार्यक्रमों जैसे जल पंचायत और सांस्कृतिक गतिविधियों की योजना और प्रबंधन में ग्रामीण लोगों के ज्ञान और राय को शामिल करना है। कनिष्ठ भू-जल विशेषज्ञ बारू राम सगवाल ने कहा कि लाडवा एवं शाहाबाद प्रखंड में भूजल निकासी की दर काफी अधिक है। जल स्तर दिन-ब-दिन तेज गति से कम हो रहा है और आने वाली पीढिय़ों के लिए डार्क जोन की स्थिति बहुत गंभीर होगी। उन्होंने खुले कुओं, बोरवेल, गांव के तालाबों, रेनगेज पुनर्भरण संरचनाओं, इंजेक्शन कुओं और भूजल सेल डेटा संग्रह की एक सूची बनाई। भूजल के स्रोत और जलभृत की तस्वीर की पहचान करने के लिए अलग-अलग गांव से जलभृत मानचित्रण और सामाजिक जल सर्वेक्षण एकत्र किया जा रहा है।

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