हरियाणा के इस जिले का सीरो सर्वे के लिए चयन, 6 साल से ऊपर आयुवर्ग के बच्चों के लिए जाएंगे ब्लड सैंपल

हरिभूमि न्यूज. कुरुक्षेत्र
विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से कुरुक्षेत्र को बचाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार सबसे ज्यादा प्रयासरत है। इसलिए कुरुक्षेत्र जिले को सीरो सर्वे के लिए चयनित किया गया है। इस सर्वे के लिए देश में 70 जिलों और हरियाणा में केवल कुरुक्षेत्र जिले का ही चयन किया गया है।
इस सर्वे के लिए आईसीएमआर की 18 सदस्यीय टीम जल्द ही कुरुक्षेत्र में पहुंच रही है। विधायक सुभाष सुधा शुक्रवार को देर सायं एलएनजेपी अस्पताल में कोरोना की तीसरी लहर की समीक्षा करने के उपरांत विशेष बातचीत कर रहे थे। इससे पहले सीएमओ डा. संत लाल वर्मा ने विधायक सुभाष सुधा को कुरुक्षेत्र का सीरो सर्वे के लिए चयन होने के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। विधायक ने फीडबैक लेने के बाद कहा कि केन्द्रीय मंत्रालय की तरफ से कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए देश और प्रदेश में सीरो सर्वे का कार्य शुरु कर दिया है।
इस सर्वे के लिए देश में 70 और हरियाणा प्रदेश में एकलौते कुरुक्षेत्र जिले का चयन किया गया है। इस सीरो सर्वे को करने के लिए आईसीएमआर की करीब 18 सदस्यीय टीम कुरुक्षेत्र में शनिवार तक पहुंच कर अपना कार्य शुरु कर देगी। उन्होंने कहा कि यह टीम कुरुक्षेत्र के अलग-अलग क्षेत्रों से 6 वर्ष से ज्यादा आयुवर्ग के बच्चों से रक्त के नमूने एकत्रित किए जाएंगे। यह नमूने लगभग 400 बच्चों से लिए जाएंगे और इन बच्चों के नमूने लेने के बाद एंटीबॉडी को चैक किया जाएगा। यह सर्वे टीम अपनी रिपोर्ट बाद में प्रस्तुत करेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी प्रबंध पूरे कर लिए गए है और सर्वे टीम आगामी दो-तीन दिनों में इस कार्य को पूरा कर लेगी। सीएमओ डा. संत लाल वर्मा ने कहा कि सीरो अध्ययन से वैक्सीनेशन की प्रक्त्रिया को मदद मिलेगी।
सीरो सर्वेक्षण का तीसरा दौर समुदाय पर कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के प्रभाव की पहचान करने के लिए किया जा रहा है। अगस्त 2020 में आयोजित किए गए पहले दौर में सेरोप्रेवलेंस 8 प्रतिशत पाया गया था, जो अक्टूबर में बढ़कर 14.8 प्रतिशत हो गया था। उन्होंने कहा कि अज्ञात संक्त्रमणों के पैमाने का अध्ययन करने के लिए सीरो सर्वेक्षण के जरिए चुने गए लोगों से रक्त के नमूने लिए जाते है। एक सीरो सर्वेक्षण में रक्त के नमूनों का परीक्षण आईजीजी एंटीबॉडी की उपस्थिति के लिए किया जाता है, जो वायरस के कारण पिछले संक्त्रमण का निर्धारण करते है। सीरो सर्वेक्षण ये निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि क्या कोई बीमारी समुदाय में फैल चुकी है। एक सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण में आईजीजी एंजाइम लिंक्ड इम्यूनोसॉर्बेंट परख परीक्षण शामिल है। आईजीजी परीक्षण तीव्र संक्त्रमण का पता लगाने के लिए उपयोगी नहीं है, लेकिन ये अतीत में हुए संक्त्रमणों के एपिसोड की जानकारी देता है। वहीं इस परीक्षण को आईसीएमआर ने मंजूरी दी हुई है।
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