Selja बोलीं : महंगाई पर काबू पाने में केंद्र सरकार नाकाम

Selja बोलीं : महंगाई पर काबू पाने में केंद्र सरकार नाकाम
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  • खाने-पीने की चीजों के दाम में लगातार हो रही बढ़ोतरी
  • एक महीने में 17 से18 प्रतिशत तक बढ़े आटा, दाल, चावल, तेल के दाम

Haryana : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा (Kumari Selja) ने कहा कि महंगाई पर काबू पाने में भाजपा की केंद्र सरकार पूरी तरह नकारा साबित हुई है। खाने-पीने की चीजों के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। महज 20 दिन के अंदर खाने-पीने की चीजों के दामों में 17 फीसद से अधिक बढ़ोतरी होना सरकार की विफलता की निशानी है। केंद्र सरकार द्वारा जमाखोरी पर नियंत्रण को उठाए गए कदम महज दिखावा हैं। क्योंकि, अभी तक एक भी बड़े स्टॉकस्टि पर कोई कार्रवाई सरकार ने नहीं की।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय के अनुसार 1 जून को 128 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही दाल अब 150 रुपये तक पहुंच चुकी है। सीधे 22 रुपये यानी 17.18 प्रतिशत की तेजी आई है। आटे के जो भाव 40 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुके हैं, जबकि 55 रुपये तक बिकने वाला चावल अब 70 रुपये तक पहुंच रहा है। तेल के दामों का भी ऐसा ही हाल है और लगातार दाम बढ़ने से लोग परेशान है। बाजार में एक महीना पहले ही नया गेहूं आया है और इसके बावजूद तेजी से दाम बढ़ने के लिए बड़े-बड़े स्टॉकस्टि की भूमिका से नकारा नहीं जा सकता। नया चावल अभी अक्टूबर महीने में आएगा और दाम बढ़ने की जो तेजी देखी जा रही है, उससे लगता है कि केंद्र सरकार ने सख्त कदम नहीं उठाए तो चावल के दामों में लगातार तेजी आएगी।

उन्होंने कहा कि खाने-पीने में प्रयोग होने वाले अनाज, दालों व तेल के दाम बढ़ाए जाने के पीछे गुजरात के बड़े-बड़े स्टॉकस्टि का हाथ है। इन्होंने मंडियों से सस्ते दाम में खरीद की और मोटा मुनाफा कमाने के लिए अब लगातार मनमाने तरीके से दामों को बढ़ा रहे हैं। खाने-पीने का सामान लोगों की सबसे बड़ी जरूरत है और इसका फायदा ये बड़े-बड़े व्यवसायी बखूबी उठा रहे हैं। केंद्र सरकार ने बढ़ रही महंगाई को काबू करने के लिए सिर्फ दिखावे के तौर पर खाद्यान्नों के भंडारण की स्टॉक सीमा तय कर दी है। लेकिन, एक भी बड़े स्टॉकस्टि पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। सख्त कदम न उठाए जाने के पीछे की असली वजह बड़े व्यापारियों का गुजराती होना ही है। केंद्र सरकार को इस सिलसिले में श्वेत पत्र जारी करना चाहिए कि उसने कितने बड़े स्टॉकस्टि पर कार्रवाई की। देश को बताना चाहिए कि महंगाई पर काबू पाने के लिए अभी तक क्या-क्या कदम उठाए।

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