Selja बोलीं : विश्वविद्यालयों में संघियों का वर्चस्व बढ़ा रही सरकार

- उच्च शिक्षा में आरएसएस की विचारधारा छात्रों पर थोपने की तैयारी
- बैकडोर से असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर की जा रही तैनाती
Haryana : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों की कमान आरएसएस से जुड़े लोगों को सौंपने के बाद भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने इनमें संघियों का वर्चस्व बढ़ाने की शुरुआत कर दी है। इसका मकसद उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों के दिमाग में संघ की विचारधारा डालना है। इसलिए ही सरकारी विश्वविद्यालयों में बैकडोर से असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर आरएसएस की पृष्ठभूमि वालों को तैनात किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां सोनीपत और चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी सिरसा में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों को संघ के इशारे पर ही भरा जा रहा है। इस कदम के कारण अनुबंध आधार पर सेवाएं दे रहे असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी को भी खतरा पैदा हो गया है, जबकि वे 10 से 15 साल से इन विश्वविद्यालयों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सब एक षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है। इसका मकसद उच्च शिक्षा पर संघ की विचारधारा का कब्जा करवाना है। इसलिए सबसे पहले नियमों को ताक पर रखकर आरएसएस से जुड़े लोगों को विश्वविद्यालयों का वाइस चांसलर नियुक्त किया जा रहा है। अब संघ से जुड़े लोगों को स्थाई नौकरी देने के लिए उन्हें विश्वविद्यालयों में एडजस्ट किया जा रहा है। सूचनाएं तो यहां तक मिल रही हैं कि भर्ती प्रक्रिया को भी सिर्फ इसलिए ही गुप्त रखा जा रहा है, ताकि चहेतों को रखने में कोई भी अन्य उच्च शिक्षित बाधा न बन सके।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में संघियों के कब्जे से न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था पर असर पड़ेगा, बल्कि अनुबंध आधार पर जो एक हजार के करीब असिस्टेंट प्रोफेसर लगे हुए हैं, उनको घर बैठाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। इनमें से अधिकतर की उम्र 45 साल को पार हो चुकी है, इसके बाद ये कहीं पर भी सरकारी नौकरी के लिए आवेदन तक नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि कायदे से तो कांट्रेट पर लगे असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों को भरा हुआ मानते हुए भर्ती प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिन पदों पर ये लगे हुए हैं, इन्हें खाली मानते हुए भर्ती करने की सूचनाएं आ रही हैं। दो विश्वविद्यालयों में यह खेल शुरू हो चुका है, जबकि 12 अन्य विश्वविद्यालयों में इसे शुरू करने की तैयारी चल रही है। प्रदेश सरकार को उच्च शिक्षा के इन संस्थानों में बिना किसी भेदभाव के ओपन भर्ती करनी चाहिए।
यह भी पढ़ें - Charkhi Dadri : रेवाड़ी से लूटी कार, फर्जी नंबर प्लेट लगाकर पहुंचे दादरी, 4 आरोपी काबू
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS