Selja बोलीं : प्लाईवुड उद्योग को डूबने से बचाए सरकार

Selja बोलीं : प्लाईवुड उद्योग को डूबने से बचाए सरकार
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  • केंद्र सरकार से बात कर बड़ा राहत पैकेज जारी कराए
  • प्लाईवुड उद्योग की शिफ्टिंग से लाखों लोग होंगे बेरोजगार

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा (Kumari Selja) ने कहा कि यमुनानगर के प्लाईवुड उद्योग पर इन दिनों संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसे बचाने के लिए बड़े राहत पैकेज की जरूरत है, लेकिन भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार का इस ओर कोई ध्यान ही नहीं है। सरकार को चाहिए कि वह प्लाईवुड उद्योग को जिंदा रखने के लिए केंद्र सरकार से बात करे और राहत पैकेज का ऐलान कराए, ताकि लाखों लोगों के रोजगार को बचाया जा सके।

उन्हाेंने कहा कि यमुनानगर का प्लाईवुड उद्योग उत्तर भारत में एक अलग स्थान रखता था, लेकिन नेपाल के रास्ते चीन से आ रही सस्ती लकड़ी व बोर्ड के कारण यहां कारोबार पर ही संकट खड़ा होने लगा है। यही कारण है कि अभी तक 127 प्लाईवुड फैक्ट्री उत्पादन को बंद कर चुकी हैं। घटते कारोबार का अंदाजा सिर्फ इस बात से ही लगाया जा सकता है कि मार्केट फीस के रूप में मिलने वाली राशि घटकर 4 करोड़ रह गई है, जबकि पहले यह 12 करोड़ तक मिलती थी। यहां पर करीब 400 प्लाईवुड फैक्ट्रियां हैं, जिनमें से कितनी ही बंद हो चुकी हैं, और जो चल रही हैं, वे कम क्षमता पर ही चल रही हैं।

उन्होंने कहा कि पहले यमुनानगर की प्लाईवुड फैक्ट्रियों को यूपी से लकड़ी मिल जाती थी, लेकिन अब यूपी सरकार ने प्लाईवुड फैैक्ट्रियों के लिए लाइसेंस खोल दिए हैं। इससे हरियाणा में लकड़ी आनी कम हो गई है। यूपी व बिहार में लकड़ी पर अभी तक मार्केट फीस नहीं है, इससे वहां की इंडस्ट्री को लकड़ी सस्ती मिलती है। उन्होंने कहा कि 127 के आसपास फैक्ट्री बंद होने से रोजगार का संकट भी खड़ा हुआ है। करीब 50 हजार श्रमिक इससे सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। जबकि, कई हजार लोगों का रोजगार अप्रत्यक्ष रूप से छीन गया है। इसलिए प्लाईवुड इंडस्ट्री को उबारने की सख्त जरूरत है और सरकारी सहयोग के बिना यह संभव नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा कि अगर घाटे से बेहाल प्लाईवुड इंडस्ट्री यमुनानगर से पूरी तरह शिफ्ट हो गई तो इस जिले के लोगों के लिए यह बड़ी आर्थिक चोट साबित होगी। एक दम से कई लाख लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो सकता है। ऐसे में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को आगे आना होगा। केंद्र सरकार के सामने पूरा मामला रखना होगा और प्लाईवुड इंडस्ट्री को बर्बाद होने से बचाना होगा।

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