Selja बोलीं : हरियाणा की महिला खिलाड़ियों का खेलों से हो रहा मोहभंग

- बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं का नारा बनकर रह गया सिर्फ नारा
- महिला खिलाड़ियों के बढ़ते उत्पीड़न से अभिभावक भयभीत
Haryana : हरियाणा प्रदेश में खिलाड़ियों खासकर महिला खिलाड़ियों के साथ अपनाए जा रहे सौतेले व्यवहार को लेकर खिलाड़ियों का खेलों के प्रति मोहभंग होता जा रहा है। सरकार के खेलों को लेकर किए जा रहे लंबे चौड़े दावे खोखले साबित हो रहे हैं। महिला खिलाड़ियों के बढ़ते उत्पीड़न की घटनाओं से अभिभावक भयभीत है और अपनी बच्चियों को खेलों में भाग लेने से हिचकिचा रहे हैं। सरकार को ऐसा माहौल बनाना होगा, जहां खिलाड़ी बिना किसी भय के मुकाम हासिल कर सके। यह कहना है अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा का।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हरियाणा में बनाई गई खेल नीति का ही परिणाम है कि आज प्रदेश के खिलाड़ी खून पसीना बहाकर देश की झोली में गोल्ड, सिल्वर व कांस्य पदक डाल रहे है। इसमें महिला खिलाड़ियों का भी अहम योगदान हैं। आज पदक विजेता खिलाड़ियों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। हरियाणा के खेल मंत्री रहे संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली जूनियर एथलीट महिला कोच को न्याय दिलाने के बजाय उसे निलंबित किया गया। ऐसा कर सरकार ने महिला खिलाड़ियों के हितों के साथ खिलवाड़ किया है। हरियाणा के खेल विभाग के निदेशक यशेंद्र सिंह ने 11 अगस्त को निलंबन का आदेश जारी किया, लेकिन आदेश में कोई कारण नहीं दिया गया। महिला कोच को निलंबित किए जाने का कारण अनुशासनहीनता और कदाचार के उल्लंघन के आरोप लगाए, जो तुगलकी फरमान से कम नहीं है। आदेश में कहा गया कि निलंबन के दौरान महिला कोच को हरियाणा सिविल सर्विसेज (जनरल) रूल्स 2016 के अनुसार भत्ता दिया जाएगा। इस बीच महिला कोच ने स्पष्ट कहा कि पिछले कुछ महीनों से उनके ऊपर दबाव बनाया जा रहा था। अगर उन्हें बर्खास्त भी किया जाता है तो भी वो अपनी लड़ाई जारी रखेंगी तथा गलत तरीके से किए गए निलंबन के खिलाफ वो कोर्ट जाएंगी। साथ ही दोषी को सजा दिला कर रहेगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने सत्ता पर काबिज होते ही कहा था कि खेलों में मेडल जीतो और सरकारी नौकरी पाओ, लेकिन आज सरकार स्वयं के वायदे को भूल चुकी है और मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। यहां तक कि उनसे धरना प्रदर्शन करने तक का भी हक छीना जा रहा है। ऐसे पीड़ित खिलाड़ियों के साथ कांग्रेस न्याय दिलाने में मदद करेगी। मंत्री संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद सीएम मनोहर लाल ने खेल विभाग अपने पास रख लिया था। इसके बाद से ही सीएम खेल विभाग से संबंधित सभी कार्य देख रहे हैं। सीएम के पास काम की अधिकता है और वे ईमानदारी से अपने विभागों की ओर ध्यान नहीं रे रहे। भाजपा सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का नारा दिया था और सरकार स्वयं इस नारे को ताक पर रख चुकी है।
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