Selja बोलीं : दूसरे राज्य में प्लांट लगाना हरियाणवियों से धोखा

- प्रदेश का राजस्व बाहर जाएगा, प्रदेश के लोगों को नहीं मिलेगा रोजगार
- प्रदेश में बिजली प्लांट लगाएं तो विभिन्न वर्गों के लोगों को मिलेगा काम
Haryana : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सेलजा ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार हर हरियाणवी के साथ छल-कपट करने पर उतारू हो गई है। दूसरे राज्य में बिजली प्लांट लगाने की प्रदेश सरकार को नसीहत देना प्रदेश के ढाई करोड़ लोगों के साथ धोखा है। यमुनानगर (yamunanagar) की बजाय 800 मेगावाट के बिजली प्लांट को झारखंड में लगाने को लेकर जो सलाह केंद्र सरकार ने दी है, उसे भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को तुरंत प्रभाव से मानने से इंकार कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश से बाहर बिजली प्लांट लगाने से हरियाणा को नुकसान ही नुकसान हैं। दूसरे राज्य में बिजली प्लांट लगाने से प्रदेश का रेवेन्यू बाहर चला जाएगा। उस प्लांट में हरियाणा के लोगों को नौकरी के अवसर उपलब्ध नहीं होंगे। प्रदेश से बाहर प्लांट लगाने पर यहां के विकास पर भी असर पड़ेगा। हरियाणा के किसी भी हिस्से में बिजली प्लांट लगाया जाता है तो उस इलाके का समग्र विकास होगा। बिजली प्लांट लगने से न सिर्फ हजारों लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं, बल्कि हजारों लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार भी मिलता है। लेकिन, हरियाणवियों के साथ धोखा कर केंद्र सरकार अपने निजी स्वार्थ के लिए प्रदेश से बाहर बिजली प्लांट लगवाना चाह रही है। जबकि, नए प्लांट के लिए यमुनानगर से अच्छी जगह कोई हो भी नहीं सकती।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में भयंकर बिजली संकट पर काबू पाने में नाकाम रही भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार अपने यहां पर पहले से मौजूद एक भी बिजली संयंत्र को पूरी कैपेसिटी पर नहीं चला पाई। भाजपा के शासन में इन्होंने एक बार भी प्रदेश में नया बिजली प्लांट लगाने की बात नहीं सोची। खेदड़ पावर प्लांट की 600 मेगावाट की यूनिट बार-बार बंद हो जाती है। उन्होंने कहा कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड से हरियाणा की बिजली सप्लाई बंद है और प्रदेश सरकार इसे चालू कराने में नाकाम साबित रही। एक बार भी अडानी से लॉन्ग टर्म एग्रीमेंट के मुताबिक बिजली की मांग नहीं की गई। प्रदेश में बिजली का संकट जानबूझकर बनाया गया। चारों ओर बिजली न होने का शोर उठा तो गठबंधन सरकार ने हरियाणा से बाहर बिजली प्लांट खरीदने की अपनी योजना को अमलीजामा पहचाना शुरू कर दिया। लेकिन, विरोध के चलते इससे कदम वापस हटाने पड़े। अब केंद्र सरकार यमुनानगर की बजाय झारखंड में प्लांट लगाने की सलाह दे रही है, जो सरासर गलत है।
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