सैलजा बोलीं- निजी क्षेत्र में हजारों कर्मचारियों की छंटनी, रोटी के लाले पड़े

सैलजा बोलीं- निजी क्षेत्र में हजारों कर्मचारियों की छंटनी, रोटी के लाले पड़े
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षने कहा, आशंका तो यह भी है कि सरकार आंकड़ों की कलाबाजी दिखाते हुए यह घोषणा न कर दे कि कोरोना काल में निजी क्षेत्र में एक भी कर्मचारी को नहीं हटाया गया। उन्होंने कहा, भाजपा को झूठ बोलने में जरा भी झिझक नहीं होती। केंद्र सरकार संसद में दावा कर चुकी कि कोरोना में आक्सीजन की कमी से एक भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई, उसी तर्ज पर राज्य सरकार भी दावा कर सकती है कि कोई छंटनी नहीं हुई।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सैलजा ने कहा है कि हरियाणा (Haryana) में बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। कोरोना की पहली व दूसरी लहर में निजी व औद्योगिक क्षेत्र में हजारों लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया। असंगठित कर्मचारियों को रोटी के लाले पड़े हुए हैं। सरकार ने उनके लिए राहत की कोई घोषणा नहीं की।

सैलजा ने कहा कि सरकार असंगठित कर्मचारियों को सौतेला मान रही है , इसलिए आज तक यह नहीं बता रही कि रोजगार खोने वाले कर्मचारियों की संख्या कितनी है। राज्य कर्मचारी बीमा निगम, जिला उद्योग केंद्र या अन्य महकमे से इनके बारे में जानकारी तक नहीं मांगी गई। कोई सर्वे भी नहीं करवाया जा रहा। सैलजा ने कहा, आशंका तो यह भी है कि सरकार आंकड़ों की कलाबाजी दिखाते हुए यह घोषणा न कर दे कि कोरोना काल में निजी क्षेत्र में एक भी कर्मचारी को नहीं हटाया गया। उन्होंने कहा, भाजपा को झूठ बोलने में जरा भी झिझक नहीं होती। केंद्र सरकार संसद में दावा कर चुकी कि कोरोना में आक्सीजन की कमी से एक भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई, उसी तर्ज पर राज्य सरकार भी दावा कर सकती है कि कोई छंटनी नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, झज्जर ,बहादुरगढ़, धारूहेड़ा-बावल, सोनीपत, पानीपत समेत प्रदेश में अन्य स्थानों पर स्थित उद्योगों से हजारों श्रमिक नौकरी से निकाल दिए गए। बड़ी संख्या में उन लोगों का काम धंधा भी बंद हो गया जो परोक्ष रूप से इन उद्योगों से जुड़े थे। हजारों कुशल, अकुशल कर्मचारियों के अलावा ऑपरेटर, सिक्योरिटी गार्ड, माली, ड्राइवर की भी नौकरी गई । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, आंकड़े गवाह हैं कि बेरोजगारी में हरियाणा देश में पहले नंबर पर पहुंच चुका है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मार्च, 2020 से अब तक निजी क्षेत्र में नौकरी गंवाने वालों के आंकड़े जारी किए जाएं।

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