किसानों के समर्थन में बोलीं सैलजा- संवेदनाएं खो चुकी सरकार को कोई पीड़ा नजर नहीं आती

किसानों के समर्थन में बोलीं सैलजा- संवेदनाएं खो चुकी सरकार को कोई पीड़ा नजर नहीं आती
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सैलजा ने कहा कि जब किसान तीनों कानूनों को काले कानून बताते हुए इनसे उन्हें नुकसान की बात कह रहे हैं तो फिर केंद्र सरकार क्यों जबरन उन्हें इनके फायदे गिनवा रही है? यह सरकार का हठ ही है कि किसानों की बर्बादी का रास्ता इन कानूनों के जरिए निर्धारित कर दिया गया है।

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा (Kumari Selja) ने कहा कि तीन काले कृषि कानूनों (Agricultural laws) के खिलाफ किसान आठ महीने से दिल्ली के बॉर्डरों पर बैठे हैं। इस दौरान किसान हाड़ कंपाने वाली सर्दी, भयंकर गर्मी सड़क पर बैठे-बैठे देख चुके हैं। अब किसान लगातार तेज बारिश में डटे हुए हैं। 500 से ज्यादा किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। लेकिन सरकार को उनकी कोई भी पीड़ा नजर नहीं आ रही। संवेदनाएं खो चुकी सरकार (Government) निष्ठुर होकर अपनी जिद पर अड़ी है।

बयान में सैलजा ने कहा कि जब किसान तीनों कानूनों को काले कानून बताते हुए इनसे उन्हें नुकसान की बात कह रहे हैं तो फिर केंद्र सरकार क्यों जबरन उन्हें इनके फायदे गिनवा रही है? यह सरकार का हठ ही है कि किसानों की बर्बादी का रास्ता इन कानूनों के जरिए निर्धारित कर दिया गया है। केंद्र सरकार के बड़े ओहदेदार सिर्फ अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने की कोशिश में लगे हैं। मंडियों को खत्म कर सिर्फ अपने पूंजीपति मित्रों के हाथ की कठपुतली किसानों को बनाने की कोशिश चल रही है।

सैलजा ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को पिछले साल पारित किया था। इन्हें पारित करने से पहले न तो किसान संगठनों से सरकार ने चर्चा की और न ही इन कानूनों को लेकर कोई खुली चर्चा कृषि विशेषज्ञों के साथ की। जिस तरीके से ये कानून चुपचाप पास किए गए, उससे किसानों व उनके संगठनों में रोष है। सैलजा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी पूरी मजबूती के साथ किसानों के साथ खड़ी है। सरकार को अब किसानों की और लंबी परीक्षा लेने की बजाए अपनी जिद छोड़ते हुए तीनों काले कानून रद्द करने की घोषणा करे और किसानों पर दर्ज सभी प्रकार के मुकदमे वापस लिए जाएं।

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