कांग्रेस की गुटबाजी पर बोलीं शैलजा : 2019 में फरीदाबाद, सोनीपत व रोहतक में क्यों हारे, मुझे नहीं पता

- हुड्डा पर साधे निशाने, कहीं कैंडीडेट तो कहीं कुछ और घोषणाएं हो रहीं, जिम्मेदार लोग जिम्मेदारी निभाएं
- जब पीसीसी की प्रदेश अध्यक्ष थी तो कुछ लोग मीटिंग में क्यों नहीं आते थे, उनसे पूछे
Fatehabad : कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा ने कांग्रेस की गुटबंदी को लेकर पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा पर जमकर निशाना साधा। 2019 के चुनाव में कांग्रेस की हार पर कहा कि जब वह पीसीसी की प्रेजिडेंट थी तो उस समय क्यों कुछ लोग कांग्रेस के कार्यक्रमों में नहीं आते थे। उस समय जिम्मेदार लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए थी। कुमारी शैलजा (Kumari Selja) बुधवार को गांव बड़ोपल के पूर्व सरपंच जोगिन्द्र पूनियां के निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रही थी।
उन्होंने तल्ख तेवर अपनाते हुए कांग्रेस में चल रही गुटबाजी को लेकर वरिष्ठ नेताओं को आड़े हाथ लिया। उन्होंने सधे हुए शब्दों में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का बिना नाम लिए कहा कि जिम्मेदार लोगों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा अपने कार्यक्रमों में घोषणाएं करने पर उन्होंने कहा कि कोई कहीं घोषणा कर रहा है तो कहीं कैंडिडेट घोषित किए जा रहे हैं, क्या वह भी घोषणा करने लग जाए? पार्टी की गरिमा होती है, एक सिस्टम होता है, जिम्मेदार लोग जिम्मेदारी से काम करें तो बेहतर होगा। मेनिफेस्टो कमेटी जब बन जाएं, तब सभी नेता कमेटी में अपने सुझाव दें।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा अलग-अलग मीटिंग करने के सवाल पर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा का नाम लिए बगैर कहा कि जब वे प्रदेश अध्यक्ष थी तो वे मीटिंगों में क्यों नहीं आते थे, उनसे पूछो। 2019 में हुड्डा द्वारा गलत टिकटें बांटे जाने के बयान पर कहा कि फरीदाबाद किसने लूज की, मुझे नहीं पता, रोहतक, सोनीपत की सीटों पर हम क्यों हारे, मुझे नहीं पता। सीटिंग एमएलए क्यों हार गए, मुझे नहीं पता। उन्होंने कहा कि यदि तेरा-मेरा की राजनीति खेलेंगे तो राज्य में नुकसान होगा, पार्टी को मजबूत नहीं कर सकेंगे। सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हर फ्रंट पर भाजपा-जजपा सरकार फेल हुई है। जब कोई मुद्दे या आंकड़े उठाए तो सरकार के पास कोई जवाब नहीं होता। सिर्फ मामलों को घुमाया जाता है। कांग्रेस संगठन का विस्तार जल्द होगा, नए प्रभारी अनुभवी हैं, सबसे बातचीत कर जल्द ही संगठन विस्तार कर दिया जाएगा।
गांवों की पॉवर विधायक को देनी है तो खत्म कर दें पंचायती राज
गांवों में विधायकों की सिफारिशों पर गली-नाली के निर्माण करने तथा पंचायती राज में शक्तियां देने पर कुमारी शैलजा ने कहा कि यह अलोकतांत्रिक है। लोगों का पैसा लोगों तक जाना चाहिए। अगर ऐसा करना है तो पंचायती राज सिस्टम को खत्म ही क्यों नहीं कर देते। चण्डीगढ़ में बैठकर सारे फैसले ले लेने चाहिए। इस सरकार को न लोकतंत्र में विश्वास है और ना ही लोकतांत्रिक संस्थाओं में।
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