हरियाणा में आज से होगा सीरो सर्वे, जिन्हें दोनों वैक्सीन लगी उनका भी लिया जाएगा सैंपल

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़
सूबे में मंगलवार से कोविड की दूसरी लहर व संक्रमण को ध्यान में रखते हुए तीसरे सीरो सर्वे की शुरुआत होने जा रही है। लेकिन वैक्सीन लगवा चुके लोगों को इस सर्वे से बाहर रखे जाने की बात से मंत्री सहमत नहीं दिखाई दिए। सेहत मंत्री ने साफ कर दिया कि सीरे सर्वे महज औपचारिक नहीं बल्कि पूरी गंभीरता के साथ में होना चाहिए, जिन लोगों को वैक्सीन लगी है, उनको भी इसके दायरे में लाना चाहिए।
विभागीय उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि इस बार यह सर्वे छह साल के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक विभिन्न श्रेणियों में किया जाएगा। पहले इसे आठ हजार लोगों पर किया जाना था लेकिन अब यह लगभग 20 हजार लोगों पर होगा। जिसमें प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा स्पष्ट आदेश दे दिए जाने के बाद में यह भी तय हो गया है कि वैक्सीन ले चुके लोगों को भी इसमें शामिल किया जाएगा ताकि वैक्सीन नहीं लगने और वैक्सीन लगवाने वालों को लेकर अध्ययन हो सके।
सीरो सर्वे के कार्य को निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डा. उषा गुप्ता देख रही हैं, जो पहले वैक्सीन ले चुके लोगों को इसमें शामिल करने के हक में नहीं थीं।लेकिन मंत्री ने साफ कर दिया है कि सीरो सर्वे का काम गंभीरता से होना चाहिए, इसे महज औपचारिकता नहीं बनाया जाए ताकि सही स्थिति सामने आ सके। विज ने आदेश दिया है कि सीरो सर्वे में वैक्सीन की दोनों ही डोज ले चुके लोगों को भी शामिल किया जाए, ताकि दोनों की तुलना की जा सके। कुल मिलाकर मंगलवार से शुरु होने वाली सीरो सर्वे की शुरुआत में छह साल के बच्चों से लेकर विभिन्न उम्र व श्रेणियों के लोगों को शामलि किया जा रहा है।
यहां पर याद दिला दें कि देशभर के सभी राज्यों में सीरो सर्वे की शुरुआत होने जा रही है। दो लहर लोग झेल चुके हैं, जबकि तीसरी लह को लेकर आशंका जाहिर की जा रही है। जिसको ध्यान में रखते हुए सभी राज्य स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार करने की मुहिम में जुटे हुए हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के दिशा निर्देशों के अनुसार यह सर्वे किया जा रहा है। यह महामारी बड़े स्वरूप में न आए, इसके लिए सीरो सर्वे किया जा रहा है।
सीरो सर्वे क्या है?
सीरो सर्वे या सीरोलॉजिकल सर्वे हमें यह बताता है कि उस क्षेत्र में कितना कोरोना वायरस फैला हुआ है. कई बार ऐसा होता है कि लोगों को कोरोना का संक्रमण होता है लेकिन उनके शरीर में इसके कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इसका अर्थ है कि वह व्यक्ति कोरोना से संक्रमित तो हुआ है लेकिन वह बीमार नहीं पड़ा. जितने ज्यादा लोगों में एंटीबॉडीज होंगी, उतना ही संक्रमण का खतरा कम होगा। यह संक्रमण की चेन बनने से रोकेगा. इसीलिए कोरोना महामारी से बचाव में सीरो सर्वे की भूमिका है। सीरो सर्वे में व्यक्ति का ब्लड लेकर उससे सेल्स और सीरम को अलग किया जाता है। सीरम में कोरोना वायरस के खिलाफ जितनी एंटीबॉडी बनी हैं उनकी जांच की जाती है. सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण यह बताता है कि उस क्षेत्र में कोरोना वायरस कितना फैला हुआ है। इससे समझा जाता है कि जनसंख्या में कितने लोग संक्रमण के संपर्क में आए हैं। इसके लिए रक्त के नमूने एकत्र किए जाते हैं और रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किए जाते हैं।
राज्य में सीरो सर्वे की होगी शुरुआत : विज
राज्य में सीरो सर्वे की शुरुआत होने जा रही है, इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस सर्वे के आधार पर कईं तरह की अहम जानकारियां जुटायी जाती हैं, ताकि आने वाले वक्त की चुनौती से लड़ा जा सके, अब से पहले भी राज्य में यह कराया गया था। जिसमें अहम तथ्य और जानकारी सामने आयी थी। विज का कहना है कि हम राज्य में सर्वे के लिए गंभीरता से काम कर रहे हैं, इस क्रम में अफसरों को स्पष्ट दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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