जुलाई माह में सात शुभ योग, 19 दिन बाजार में कृपा बरसाएंगे

जुलाई माह में सात शुभ योग, 19 दिन बाजार में कृपा बरसाएंगे
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ज्योतिष ग्रंथ में बताया गया कि इस शुभ योग में किया गया हर काम सफल और फायदा देने वाला होता है। आठ दिन रवि योग रहेगा। आगामी 11 जुलाई को एक साथ रवि पुष्य नक्षत्र, राजयोग व सर्वार्थसिद्धि योग आने से सभी कार्य विशेष फलदायी रहेंगे।

कुलदीप शर्मा : भिवानी

कोरोना संक्रमण के चलते बाजारों में लगा ग्रहण अब धीरे धीरे हटता जा रहा है। बाजार की बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जुलाई माह अपने साथ सात शुभ योग लेकर आया है । यह शुभ योग जुलाई महीने में बाजार के लिए लक्ष्मी बरसाने वाला होगा, क्योंकि इस महीने में 31 में से 19 दिन खरीदारी और शुभ कार्यों के लिए फलदायी और लाभ देने वाले विशेष योग आएंगे। सर्वार्थसिद्धि,अमृतसिद्धि, कुमार योग, त्रिपुष्कर, द्विपुष्कर, रवि पुष्य और रवि योग होने के चलते बाजारों में धन की वर्षा की होने की उ म्मीद बनी हुई है। इसमें 9 दिन सर्वार्थसिद्धि योग का शुभ अवसर रहेगा।

ज्योतिष ग्रंथ में बताया गया कि इस शुभ योग में किया गया हर काम सफल और फायदा देने वाला होता है। आठ दिन रवि योग रहेगा। आगामी 11 जुलाई को एक साथ रवि पुष्य नक्षत्र, राजयोग व सर्वार्थसिद्धि योग आने से सभी कार्य विशेष फलदायी रहेंगे। पंडितों के अनुसार ने बताया कि इस दिन सभी प्रकार की खरीदारी चीर स्थाई और समृद्धि दायक रहती है। इस योग में सोना, चांदी, आभूषण व इलेक्ट्रॉनिक आइटम खरीदने का विशेष महत्व रहता है। इसी तरह 30 जुलाई को 3 योगों अमृतसिद्धि, सर्वार्थसिद्धि व रवि योग रहेगा।

यह होता है सर्वार्थ सिद्धि योग : सर्वार्थ सिद्धि योग किसी शुभ कार्य को करने का शुभ मुहूर्त होता है। शुभ मुहूर्त के कोई भी कार्य करना लाभकारी नहीं होता, लेकिन कई बार किसी कारणवश मुहूर्त से पहले जरुरी कार्य करने पड़ सकते है। ऐसे में पुन: शुभ मुहूर्त की गणना करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन शास्त्रों में इसका भी समाधान दिया गया है। इस स्थिति में सर्वार्थ सिद्धि योग में उस कार्य को कर सकते है। यदि किसी शुभ कार्य को करने के लिए आवश्यक और सही मुहूर्त नहीं मिल पा रहा है तो सर्वार्थ सिद्धि योगों में अपना शुभ कार्य कर सकते है। इन मुहूर्तों में शुक्र अस्त, पंचक, भद्रा आदि पर विचार करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। क्योंकि ये मुहूर्त अपने आप में भी सिद्ध मुहूर्त होते है।

रवि योग इसलिए बलवान : पंडित कृष्ण कुमार बहल वाले ने बताया कि रवि योग के दौरान किए जाने वाला हर कार्य सफल होता है। रवि योग इतना बलवान होता है कि इस योग में जो भी अशुभ शक्ति होती हैं उसका असर पूरी तरह से खत्म हो जाता है। सूर्याधिष्ठित नक्षत्र के बाद अगर चौथे, छठे, दसवें, तेरहवें अथवा बीसवें नक्षत्र में चंद्रमा उपस्थित हो तो उस दिन जो योग बनता है उसे रवि योग कहा जाता है। इस दिन सूर्य की पूजा की जाती है।

त्रिपुष्कर योग काम का 3 गुना होता है फायदा: त्रिपुष्कर योग तीन गुना फल देने वाला होता है। इस योग के दौरान किए गए काम को दो बार और दोहराना पड़ता है। इस योग में भी सावधानी रखनी चाहिए कि कोई अशुभ या ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिसमें नुकसान होने की आशंका है।

रवि पुष्य नक्षत्र औषधियां खरीदने व दान देने से बढ़ती है आयु: रविवार को पुष्य नक्षत्र में चंद्रमा होने से रवि पुष्य योग बनता है। ज्योतिष के मुहूर्त ग्रंथों के अनुसार इसमें हर तरह के काम किए जा सकते हैं। इसे गुरु पुष्य योग जितना ही महत्व दिया जाता है। रवि पुष्य योग में औषधियों की खरीदारी या दान करना शुभ होता है।

अमृतसिद्धि योग लंबे समय तक देते हैं फायदा : इस योग में किए गए काम लंबे समय तक फायदा देते हैं। अमृतसिद्धि योग में किए गए दान व पूजा-पाठ से अक्षय पुण्य मिलता है। व्यापार संबंधी समझौता, नौकरी के लिए आवेदन, जमीन, वाहन, कीमती धातुओं की खरीदी के साथ ही विदेश यात्रा इस मुहूर्त में करनी चाहिए।

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