Panipat : भूजल दोहन पर सात औद्योगिक इकाइयों से वसूला जाएगा हर्जाना

हरिभूिम न्यूज : पानीपत
पानीपत (Panipat) का भू जल स्तर लगातार गिर रहा है। पिछले 10 साल में 12 फुट नीचे भू जल स्तर जा चुका है। पानीपत का समालखा और बापौली क्षेत्र को डार्क जोन में शामिल भी किया है। इसी को देखते हुए एनजीटी (NGT) लगातार उद्योगों पर कड़ी कार्रवाई भी रहा है।
अब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पानीपत की सात बड़ी फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई की है। एनजीटी के पास इसकी रिपोर्ट भेजी गई है। एनजीटी ने इन उद्योग से पांच साल का हर्जाना वसूल करने के निर्देश जारी किए हैं। इन्होंने भूमिगत जल स्तर को काफी नुकसान पहुंचाया है। एचएसपीसीबी ने दो उद्योगों को बंद कर दिया है जबकि इनमें से तीन फैक्ट्रियां लॉकडाउन के बाद नहीं चली है। दो फैक्ट्रियां अब भी चल रही है।
यह फैक्ट्रियां बिना अनुमति के भूजल का दोहन कर रहीं थीं। इनके खिलाफ जांच करने के बाद भूजल प्राधिकरण को पत्र लिखकर एचएसपीसीबी ने इनसे हर्जाना वसूलने की भी मांग की है। इस पर अब एनजीटी ने भी 23 जुलाई को कड़े निर्देश जारी किए हैं।
60 प्रतिशत उद्योग बिना अनुमति के दोहन कर रहे
एचएसपीसीबी ने ये कार्रवाई खंडरा गांव के रमेश चंद्र की शिकायत पर की है। इससे पहले भी एनजीटी साल 2018 और 2019 में 70 उद्योगों पर भूजल का बिना अनुमति के दोहन करने पर कार्रवाई कर चुकी है। एनजीटी की कार्रवाई के बाद ही 550 उद्यमियों ने 2019 में सितंबर माह में ही भू जल के दोहन की अनुमति मांगी थी। अब भी शहर में 60 प्रतिशत उद्योग बिना भू जल प्राधिकरण की परमिशन के भूमिगत जल का दोहन कर रहे।
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