सीवर की गंदगी को कृष्णावती नदी में बहाया जा रहा

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
शहर के रेवाड़ी रोड पर जब सरकार ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाए थे, तब इनकी गंदगी को साफ कर पानी सिंचाई के लिए किसानों को देने का दावा किया गया था, लेकिन हो रहा बिल्कुल इसके उलट है। एसटीपी की गंदगी को कृष्णावती नदी में नूनी-सेखपुरा के पास छोड़ा जा रहा है। इसके लिए बाकायदा एसटीपी से नदी तक पाइप लाइन भी दबाई गई है। इस कारण न केवल नदी दूषित हो रही है, बल्कि आसपास का वातावरण भी दुर्गंधयुक्त बना रहता है।
उल्लेखनीय है कि रेवाड़ी रोड पर दो एसटीपी बनाए गए हैं। एक पुरानी चुंगी के पास तो दूसरी एसटीपी चिंकारा रेस्ट हाउस के समीप बनाई गई है। पहली एसटीपी की सीवर की गंदगी को साफ कर पानी आसपास के कुछेक खेत वालों को दिया जा रहा है, वहीं इसी एसटीपी का पानी क्रशर वाले टै्रक्टरों के जरिए टैंकरों से मंगवाते हैं। मगर दूसरी एसटीपी की गंदगी को कृष्णावति नदी में छोड़ा जा रहा है। जबकि इस कारण नदी दूषित हो रही है। नदी की मिट्टी में एसटीपी की गंदगी जहर बनकर समा रही है। चिंकारा रेस्ट हाउस के समीप बनी एसटीपी का निर्माण केंद्र सरकार की योजना के तहत नगर परिषद नारनौल द्वारा चंडीगढ़ की एक कंपनी से कराया गया है। फिलहाल यह कंपनी ही इस एसटीपी का ट्रायल को तौर पर काफी समय से संचालन कर रही हैं। हालांकि नियमानुसार नगर परिषद को इस एसटीपी के संचालन की सही रिपोर्ट मिलने पर इसे भविष्य में संचालित करने के लिए जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के सुपुर्द किया जाना है, लेकिन कंपनी एवं नगर परिषद के बीच यह लंबे समय से ाूल रही है। यही वह एसटीपी है, जिसकी गंदगी को नदी में छोड़ा जा रहा है।
एसटीपी के ईद-गिर्द वन विभाग की जंगलात स्थित है और जब एसटीपी से नदी में नूनी-सेखपुरा एरिया तक बड़ी पाइप लाइनें दबाई गई थी, तब वन विभाग ने इस पर आपत्ति भी जताई थी, लेकिन लाइनें दबाकर नदी में छोड़ दी गई। इसी कारण अब एसटीपी की गंदगी नदी में नियमित रूप से बहाई जा रही है, जबकि इससे नदी एवं पर्यावरण प्रदूषित हो रहे हैं।
नूनी-सेखपुरा के ग्रामीणों बलवंत सैनी, किशोरी लाल, जितेंद्र एवं सुखीराम आदि ने बताया कि सीवर की गंदगी नदी में छोड़ना गलत है। इससे नदी एवं पर्यावरण दोनों दूषित हो रहे हैं। इस गंदगी के कारण आसपास का वातावरण भी बदबूदार बना रहता है और हवा जब गांव की तरफ बहती है तो सांस लेना भी दुष्कर हो जाता है।
जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के कनिष्ठ अभियंता नितिन यादव ने बताया कि इस एसटीपी को नगर परिषद ने तैयार कराया था। इसकी गंदगी का निवारण भी उन्हीं द्वारा किया जाना है।
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