महेंद्रगढ़ जिले का लिंगानुपात 903 से 907 पर पहुंचा, 15 बेहतर गांवों के स्वास्थ्य कर्मी होंगे सम्मानित

नारनौल: महेंद्रगढ़ जिले के लिए अच्छी खबर है। लिंगानुपात में जिला बीते साल के मुकाबले तीन कदम आगे बढ़ा है। साल 2021 में जहां 1000 लड़कों के मुकाबले 904 लड़कियों ने जन्म लिया था। साल-2022 में 1000 लड़कों में से 907 लड़कियों ने जन्म लिया है।इसे हम अभिभावकों की लड़कियों के प्रति सोच में बदलाव कहे या फिर स्वास्थ्य विभाग के प्रयास, कारण जो भी हो साल 2022 इस मामले में जिले के लिए फलदायक रहा है। यह आंकड़े सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अब कम व अधिक लिंगानुपात वाले गांवों की लिस्ट तैयार करने में जुट गया है।
जानकारी के मुताबिक साल 2014 में जिले का लिंगानुपात 738 था। साल 2015 में पानीपत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का संदेश देकर कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जंग का ऐलान किया था। प्रशासन ने इसे लेकर काफी प्रयास किया था। इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला। महेंद्रगढ़ जिले में लिंगानुपात साल 2014 में 738, साल 2015 में 809, साल 2016 में 847, साल 2017 में 881, साल 2018 में 898, साल 2019 में 916, साल 2020 में 902 और 2021 में 904 आंका गया है।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कम लिंगानुपात वाले गांवों में अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। जिन गांवों का लिंगानुपात अच्छा है, उन्हें सम्मानित करने की योजना है।
बेस्ट विलेज का मिलेगा अवाॅर्ड, तैयारियों में जुटा स्वास्थ्य विभाग
स्वास्थ्य विभाग ने एक ओर योजना की शुरूआत की है। जिले में पांच हजार से अधिक आबादी वाले गांवों के लिंगानुपात के आंकड़े एकत्रित कर उन्हें सर्वश्रेष्ठ गांव का चयन करना और उसे बेस्ट विलेज अवाॅर्ड देना है। यहीं नहीं, उस गांव में सरकारी स्कूल से 10वीं कक्षा में सर्वाधिक अंक हासिल करने वाली तीन बालिकाओं को क्रमश: 75 हजार, 45 हजार व 30 हजार की राशि बतौर इनाम देने की पहल की है। वहीं, जिन गांवों का लिंगानुपात का अंतर बढ़ा है, उन गांवों के एएनएम, एमओ व आशा वर्करों पर जवाब तलब की कार्रवाई हो सकती है।
क्या कहते हैं सीएमओ
सिविल सर्जन डाॅ. धर्मेश सैनी ने बताया कि साल-2022 में जिले का लिंगानुपात 907 रहा है। लिंगानुपात के बीच के अंतर को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सजग है। हमारी टीम ने जिले व जिले से बाहर दूसरे जिले और दूसरे प्रदेश में जाकर भी भ्रूण लिंग जांच में शामिल गिरोह को पकड़ा है और इस कार्य में हमारी टीम आगे भी निरंतर जुटी हुई है। जागरूकता के साथ-साथ लोगों में लड़का व लड़की में अंतर नहीं है, यह बात सामने आने लगी है। इस सकारात्मक सोच की ओर समाज आगे बढ़ रहा है।
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