उपलब्धि : NDA में चयनित होने वाली सोनीपत की पहली लड़की बनी शीतल, बेटी पर पूरे जिले को गर्व

उपलब्धि : NDA में चयनित होने वाली सोनीपत की पहली लड़की बनी शीतल, बेटी पर पूरे जिले को गर्व
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शीतल ने बताया कि पहली बार राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में लड़कियों को शामिल करने की छूट दी गई थी। इसका पता लगते ही आर्मी में जाने का लक्ष्य निर्धारित कर तैयारी शुरू कर दी थी। रोजाना अखबार पढ़कर और ऑनलाइन माध्यम से ही पेपर की तैयार की।

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत

देश की रक्षा करने का जुनून सिर्फ लड़कों में नहीं होता, लड़कियां अब इस क्षेत्र में भी बाजी मार रही है। सोनीपत की शीतल पहली ऐसी लड़की बनी है, जोकि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में चयनित हुई है। सोनीपत की इस लाडली ने देश सेवा के लिए आर्मी में जाने की इच्छा रखते हुए कड़ी मेहनत की और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में चयनित होने वाली जिले की पहली लड़की होने का गौरव हासिल किया। शीतल की उपलब्धि पर उसके परिवार और रिश्तेदारी में खुशी का आलम है। शीतल का उसके स्कूल हिंदू विद्यापीठ में भी अभिनंदन किया गया।

सोनीपत के बाबा कॉलोनी निवासी शीतल ने बताया कि उसने 10वीं कक्षा स्प्रींग बर्ड स्कूल से, 11वीं व 12वीं कक्षा हिंदू विद्यापीठ से की। शीतल ने बताया कि पहली बार राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में लड़कियों को शामिल करने की छूट दी गई थी। इसका पता लगते ही आर्मी में जाने का लक्ष्य निर्धारित कर तैयारी शुरू कर दी थी। रोजाना अखबार पढ़कर और ऑनलाइन माध्यम से ही पेपर की तैयार की। नवंबर 2021 को एनडीए का पेपर हुआ, जिसका परिणाम दिसंबर माह में जारी किया गया था। जिसमें उत्तीर्ण होने के बाद उत्साह और ज्यादा बढ़ गया।

40 दिनों में कम किया 8 किलो वजन

शीतल ने बताया कि एनडीए के पेपर के बाद एसएसबी (साक्षात्कार) की तैयारी शुरू कर दी थी। 16 अप्रैल को इलाहाबाद में एसएसबी हुआ। पांच दिन तक चली एसएसबी प्रक्रिया के बाद मेडिकल हुआ, जिसमें उसका वजन 8 किलोग्राम अधिक आया। बकौल शीतल मुझे यह वजन कम करने के लिए 40 दिन का समय दिया गया। शीतल ने कहा कि इस पायदान पर आकर मैं कोई भी कमी नहीं छोड़ना चाहती थी, लेकिन वजन कम करने के लिए हर संभव कोशिश की। निर्धारित 40 दिन में मैंने अपना वजन कर कर रिपोर्ट की। 29 जुलाई को मुझे नियुक्ति पत्र मिला। जिसके बाद पूरे परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

तीन साल पुणे तो 1 साल देहरादून में होगा प्रशिक्षण

शीतल ने बताया कि उसे 6 अगस्त को रिपोर्ट करना है। उसके बाद तीन साल के लिए पुणे में और एक साल के लिए देहरादून में प्रशिक्षण चलोगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ही कमिशन मिलेगा। शीतल के पिता अशोक कुमार निजी व्यवसाय करते हैं, जबकि मां मुकेश कुमारी गृहणी हैं। पिता अशोक कुमार का कहना है कि उन्हें उस दिन का बेसब्री से इंतजार है, जब अपनी लाडली को आर्मी की वर्दी में देखूंगा। वहीं हिंदू विद्यापीठ की प्राचार्य सोनी रुद्रा ने बताया कि शीतल का राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में 148वें कोर्स में चयन हुआ है। उन्होंने शीतल को उसकी सफलता पर बधाई दी और देश के प्रति कर्तव्यनिष्ठ बनने के लिए प्रोत्साहित किया।

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