रोडवेज बसों का टोटा : रोजाना मौत से जंग लड़कर आवागमन करती हैं छात्राएं

बवानीखेड़ा : चुनावों में जिस प्रकार जनता से वायदे किए जाते हैं यदि उन वायदों को दस प्रतिशत भी पूरा कर दिया जाए तो जनता निहाल हो जाए। लेकिन कई बार तो जनता को मिल रही सुविधाओं का ही हनन कर दिया जाता है। ऐसा ही मामला वर्षों से बवानी खेड़ा वाया बलियाली, सुई, पुर, सिवाड़ा, कुंगड़ आदि में बसों का देखने को मिल रहा है। ग्राम विकास मंडल के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाजसेवी सचिन सरदाना, समाजसेवी सरदार गुरबख्श सिंह, रामूपुरा निवर्तमान सरपंच कुसुमलता, संजय चौहान, सोनू पुर, मांगे सिवाड़ा आदि ने बताया कि वर्ष 1993 से 2013 तक बवानी खेड़ा, बलियाली, सूई, बापोड़ा से बसें होती हुई भिवानी तक रोजाना चलती थी और काफी चक्कर लगाती थी इसके अलावा पुर, सिवाड़ा, कुंगड़ में भी अच्छी सुविधा होती थी। जिससे यात्रियों को काफी फायदा होता था और विभाग के कोष में भी इजाफा होता था। लेकिन अब स्थित ये बन चुकी है कि बस की सूरत देखने को भी तरस जाते हैं।
जहां एक तरफ प्रधानमंत्री का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान काबिलेतारीफ है वहीं इन रूटों पर बसों की समस्याओं को लेकर बेटियों को रोजाना समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। रोजाना बेटियां भिवानी, हांसी, बवानीखेड़ा महाविद्यालय व आईटीआई सहित अन्य क्षेत्रों में पढ़ने के लिए जाती हैं, नाममात्र की बस सेवा होने के कारण उन्हें रोजाना दुखी होना पड़ता हैं। दो दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को देखने पर पैरों तले जमीन खिसक गई जहां छात्र महाविद्यालय में पढ़ने के लिए जाने के लिए बसों की खिड़कियों पर लटके हुए नजर आए। जहां पांव रखने की जगह नहीं मिली वहां सांस भी एक दूसरे टकराकर वापस आ रही थी। सांस को भी सांस नहीं आ रहा था।
बसों की समस्या इसी रूट पर ही नहीं पुर, सिवाड़ा कुंगड, सहित तोशाम, जमालपुर आदि रूटों पर भी है। तोशाम और जमालपुर के रूट तो ऐसे हैं जहां सड़कों को भी बसों के टायर के आगमन का इंतजार है लेकिन जहां अधिक आवश्यकता है वहां भी टोटे नजर आ रहे हैं। हालांकि बसों की मांग को लेकर जीएम, विधायक, मंत्री सहित मुख्यमंत्री तक इसकी शिकायत दी गई।
हम बी इलेक्शना के म्ह लांबी बस पै चढ़ावांगे
बसों की समस्या को लेकर छात्रों सहित परिजनों की भी आंखें नम हो आई। बलियाली, सुई, पुर, सिवाड़ा, कुंगड आदि गांवों के विद्यार्थियों सहित परिजनों ने बताया कि बसों की सुविधा पूरी न होने और रोजाना किराया न होने के बावजूद भी उधार से बच्चों को आने जाने के लिए किराया देने पर उनके कंधों पर बोझ बढ़ गया है लेकिन अबकि बार मन बना लिया है कि हम भी इबके इलेक्शनां के म्हं म्हारी समस्या का समाधान ना करण आडयां नै लांबी बस के म्ह बिठावांगें। क्योंकि अधिकारी उनका कहना मानते नहीं नुमाइंदे उनके फोन उठाकर समस्याएं नहीं सुनते इसलिए वे जाएं तो कहा जाएं।
बसों की संख्या में हुई घटौती, बढ़ने पर होगा विचार
बसों की समस्या के निदान के लिए भिवानी के परिवहन विभाग के महाप्रबंधक गुलाब सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि पले 171 बसें थीे और अब 115 बसें है। 56 बसों की घटोतरी हुई है। नई बसें आने पर ही इस पर विचार किया जाएगा। बाकि उन्हें जो उपर से आदेश मिलेंगें वे उनकी पालना करेंगें।
जल्द होगी समस्या दूर
बसों की समस्या को लेकर विधायक बिसंबर वाल्मीकि ने बताया कि इस बारे में अधिकारियों सहित परिवहन मंत्री से भी बातचीत हो चुकी है जल्द ही बसों की समस्या से निजात मिलेगी ताकि उनके हलके की जनता को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।
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