छोटी अवधि के रोजगारपरक कोर्स शुरू करेगा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय

छोटी अवधि के रोजगारपरक कोर्स शुरू करेगा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय
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कुलपति राज नेहरू ने बताया कि यह कोर्स रोजगारपरक होंगे। कोर्स पूरा करने के बाद विद्यार्थी न केवल खुद अपना काम शुरू कर सकेंगे, बल्कि उनके लिए रोजगार की भी प्रबल संभावनाएं होंगी। उन्होंने बताया कि तीन महीने का फ्लेबॉटोमिस्ट कोर्स शुरू किया जा रहा है।

पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय कम पढ़े लिखे प्रतिभाशाली युवाओं के लिए शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू करेगा, ताकि वे छोटी अवधि के कोर्स करने के बाद रोजगार प्राप्त कर सकें। यह कोर्स एनएसक्यूएफ और अभिरुचि के मुताबिक तैयार किए गए हैं।

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने बताया कि यह कोर्स रोजगारपरक होंगे। कोर्स पूरा करने के बाद विद्यार्थी न केवल खुद अपना काम शुरू कर सकेंगे, बल्कि उनके लिए रोजगार की भी प्रबल संभावनाएं होंगी। उन्होंने बताया कि तीन महीने का फ्लेबॉटोमिस्ट कोर्स शुरू किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 12वीं पास विद्यार्थी दाखिला ले सकेंगे और उन्हें लैब के अंतर्गत घर-घर जाकर सैंपल लेने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ऑन द जॉब ट्रेनिंग के तहत उनको इस काम में पूरी तरह से पारंगत बनाया जाएगा। कुलपति राज नेहरू ने कहा कि आजकल बड़ी तेजी से फ्लेबॉटोमिस्ट की मांग बढ़ रही है। इसी जरूरत को देखते हुए विश्वविद्यालय ने यह कोर्स डिजाइन किया है। इसी तरह से हाउसकीपिंग एसोसिएट का 6 महीने की अवधि का कोर्स शुरू किया जा रहा है। यह कोर्स करने के बाद विद्यार्थी मार्केट में आसानी से रोजगार प्राप्त कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने अभिरुचि के अनुसार आठवीं पास विद्यार्थियों के लिए म्यूजिक वोकल और म्यूजिक हारमोनियम के दो अलग-अलग कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया है। यह कोर्स तीन 3 महीने की अवधि के होंगे। उन्होंने बताया कि बहुत से विद्यार्थी ऐसे हैं जो आठवीं क्लास से आगे नहीं पढ़ पाए, लेकिन उनको संगीत की अच्छी समझ है। वह म्यूजिक के क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने यह दो नए कोर्स डिजाइन किए हैं।

इंडस्ट्री इंटीग्रेशन के संयुक्त निदेशक विनीत सूरी ने बताया कि यह कोर्स एनएसक्यूएफ के अनुसार और अभिरुचि के हिसाब से तैयार किए गए हैं, ताकि विद्यार्थियों को इंडस्ट्री और मार्केट की मांग के अनुरूप तैयार किया जा सके।

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