Sirsa : धरने पर बैठे किसानों का टूटा सब्र का बांध, हाईवे किया जाम, भावदीन टोल प्लाजा पर किया कब्जा

- खराब हुई नरम फसल के मुआवजे की मांग कर रहे किसान
- किसान बोले- बकाया 630 करोड़ मुआवजा किसानों के खातों में आने तक जारी रहेगा प्रदर्शन
Sirsa : बीमा क्लेम की मांग को लेकर 105 दिन से चल रहे धरने के बाद किसानों के सब्र का बांध बुधवार को टूट गया। किसानों ने भावदीन टोल प्लाजा पर धरना देते हुए टोल को कब्जे में ले लिया और जाम लगाते हुए नारेबाजी की। किसान नेता रवि आजाद ने कहा कि जब तक 2022 खरीफ का मुआवजा 641 करोड़ रुपए किसानों के खाते में नहीं आ जाता, तब तक हाईवे जाम रहेगा। किसान यहां से जीत कर ही घर वापस जाएगा।
किसानों के धरने को देखते हुए जिलाधीश पार्थ गुप्ता ने धारा-144 लागू करने के आदेश जारी कर दिए। उन्होंने बताया कि नागरिक सुविधाओं, सार्वजनिक परिवहन आदि को अवरुद्ध करने की संभावना व जिला सिरसा में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए धारा 144 लागू करने के आदेश जारी किए हैं। जिला सिरसा में सार्वजनिक परिवहन और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं को अवरुद्ध करने वाले ट्रैफिक जाम से बचने के लिए गैरकानूनी सभा पर रोक लगाई गई। यह आदेश पुलिस या किसी अन्य सरकारी कर्मचारी पर आधिकारिक कर्तव्यों पर लागू नहीं होगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से स्थिति समाप्त होने तक लागू रहेगा। आदेशों की उल्लंघना करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
यहां बता दें कि धरने पर पिछले 13 दिन से 4 किसान 110 फुट ऊंची टंकी पर चढ़े हुए हैं और 13 किसान आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। इनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है और सरकार द्वारा बीमा क्लेम जारी करने की कोई नश्चिति तारीख नहीं दी गई है। इसी को लेकर नारायणखेड़ा किसान धरने पर किसान कमेटी की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें बड़ा फैसला किया गया था, जिसमें 16 अगस्त को नेशनल हाईवे नंबर 9 पर भावदीन टोल प्लाजा पर अनश्चितिकालीन धरना लगाकर जाम लगाने की चेतावनी दी गई थी। इसी के चलते किसानों ने जाम लगाया। सूचना पाकर भारी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची और जाम खुलवाने का प्रयास किया। वहीं किसान अपनी मांग पर अड़े हुए है।
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