Sirsa: नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की कैद, फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाया फैसला

हरिभूमि न्यूज. सिरसा। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने नाबालिग से दुराचार के मामले में दोषी को पोक्सो एक्ट के तहत 20 साल कैद की सजा सुनाई है। आरोपी के खिलाफ ऐलनाबाद थाना में अगस्त 2019 में मामला दर्ज किया गया था। ऐलनाबाद निवासी एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाते हुए बताया कि उसकी 16 वर्षीय पुत्री को नरेंद्र उर्फ मोनू पुत्र महाबीर निवासी वार्ड नंबर-7 ऐलनाबाद बहला फुसलाकर ले गया है। शिकायत में बताया कि आरोपी शादीशुदा है और उसकी बेटी पर बुरी नजर रखता था। आरोपी ने उसकी पुत्री को नशीली दवा दी, रात में उसकी पुत्री ने उनके खाने में नशीली दवा मिला दी, जिसके कारण सारा परिवार सोया रहा। मध्यरात्रि में आरोपी उसकी पुत्री को भगा ले गया।
ऐलनाबाद पुलिस ने महिला की शिकायत पर नरेंद्र उर्फ मोनू के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। इसके बाद पुलिस ने छानबीन की और दोनों को काबू कर लिया। बरामद नाबालिगा का मेडिकल करवाया गया और अदालत में उसके बयान करवाकर उसे परिजनों को सुपुर्द कर दिया। वहीं, नरेंद्र उर्फ मोनू से पुलिस ने पड़ताल की तो उसने इस आशय की स्वीकारोक्ति की कि उसने नाबालिग को बहला फुसलाकर उसके साथ उसके ही घर में गलत काम किया। इसके बाद उसने उसे घर से भागने के लिए तैयार किया। घर से भागकर वे दिल्ली गए और वहां पर किराए के मकान में कुछ दिन रहें। उसने यह स्वीकार किया कि इस दौरान उसने नाबालिगा से कई बार गलत काम किया।
नाबालिग से दुराचार का यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला। न्यायाधीश प्रवीण कुमार की अदालत ने पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर सजा सुनाई। जिसके तहत पॉक्सो एक्ट के तहत नरेंद्र उर्फ मोनू को 20 साल की कैद और 30 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। कोर्ट ने भादंसं की धारा 363 व 366 के तहत भी 5-5 साल की कैद और 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
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