Sirsa : धुएं से आंखों में हो रही जलन, अस्थमा रोगी परेशान

- बढ़ते प्रदूषण से कमरों के दरवाजे बंद कर सांस लेने पर मजबूर
- पानी छिड़काव के निर्देश, सुबह-शाम सैर न करने की सलाह
Sirsa : वातावरण में छाए पराली के दूषित धुएं ने आमजन का जीना दुश्वार कर दिया है। आसमान में पिछले एक सप्ताह से धुआं छाया हुआ है। सुबह उठने पर चारों ओर पराली का धुआं ही नजर आता है और ऐसा लगता है कि धुंध छाई है। धुआं के कारण आंखों में जलन व अस्थमा रोगियों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। जिला प्रशासन ने भी हिदायतें जारी कर नियमों की उल्लंघना करने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक पराली के धुएं से सिरसा का वायु प्रदूषण स्तर यानी एक्यूआई 301-400 पार कर चुका है, जो बहुत ही खतरनाक माना जाता है। सुबह बच्चे स्कूलों के लिए रवाना हुए तो उनकी आंखों में जलन होने लगी। सांस लेने में आमजन के साथ-साथ अस्थमा रोगियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं ,चिकित्सकों का भी कहना है कि पराली के धुएं से प्रदूषण हुई वायु से कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। प्रदूषित वायु स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है, खासकर सांस, दमा व हृदय रोगियों के लिए। पिछले कई दिनों से सिरसा का वातावरण पराली के धुएं से प्रदूषित है। जिससे सांस के मरीजों की संख्या में एक दम से इजाफा हो रहा है। डॉक्टर भी आमजन को सुबह और शाम की सैर करने से मना कर रहे है। वायु प्रदूषण के निरंतर बढ़ते स्तर से आमजन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यह स्वास्थ्य संबंधी खतरों और विशेषकर बुजुगोंर् और बच्चों को श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा करता है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देशानुसार वायु प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि निवासियों के लिए बेहतर वायु गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।
पर्यावरण संरक्षण में आमजन की सहभागिता जरूरी
पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण से बचाव की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे निर्णायक कदमों में आमजन भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। वायु प्रदूषण नियंत्रण में रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उपायुक्त ने पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त उपायुक्त, नगर आयुक्त, सभी एसडीएम, डीडीपीओ, डीएफओ, सीएमओ, आरटीए, जीएम रोडवेज, एनएचएआई, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कृषि विभाग, एचएसएएमबी, शिक्षा विभाग, जन स्वास्थ्य विभाग, बिजली विभाग, माइनिंग, खाद्य एवं पूर्ति विभाग और फायर अधिकारी को आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। जिला सिरसा में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता 306 मापी गई है, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान स्टेज-2 तक पहुंच गई है और इसके आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर को छूने की उम्मीद है।उपायुक्त द्वारा जारी आदेशों में जिला नगर आयुक्त और फायर स्टेशन अधिकारी को दैनिक आधार पर चिन्हित सड़कों की मैकेनिकल/वैक्यूम स्वीपिंग और पानी का छिड़काव करने का निर्देश दिए गए हैं। विशेष रूप से हॉटस्पॉट ऐरिया, भारी यातायात गलियारों, संवेदनशील क्षेत्रों में सड़क की धूल को रोकने और एकत्रित धूल के उचित निपटान के लिए सड़कों पर धूल अवरोधकों के उपयोग के साथ पानी का छिड़काव किया जाए।
सुबह और देर शाम को बाहर टहलने से परहेज करें नागरिक
वायु प्रदूषण के बचाव व निवारण के उपायों की जानकारी देते हुए बताया कि सभी नागरिक सुबह और देर शाम को बाहर टहलना, दौडऩा और शारीरिक व्यायाम करने से परहेज करें। साथ ही सुबह और देर शाम के समय बाहरी दरवाजे और खिड़कियां न खोलें। उन्होंने कहा कि लकड़ी, कोयला, पशुओं का गोबर, मिट्टी का तेल जैसे बायोमास जलाने से बचें। खाना पकाने और हीटिंग उद्देश्यों के लिए स्वच्छ धुआं रहित ईंधन (गैस या बिजली) का उपयोग करें। यदि बायोमास का उपयोग कर रहे हैं, तो स्वच्छ कुक स्टोव का उपयोग करें। चूंकि यह सर्दियों का मौसम है ऐसे में अंगीठी में लकड़ी का कोयला व किसी भी प्रकार की लकड़ी, पत्तियां, फसल अवशेष और अपशिष्ट को खुले में जलाने से भी परहेज करें।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एडवाईजरी की पालना जरूरी
क्षेत्र में प्रदूषण काफी उच्च स्तर पर है ऐसे में अपनी आंखों को प्रदूषण से बचाने के लिए उन्हें नियमित रूप से साफ पानी से धोते रहें और गले मे सांस लेने में कोई परेशानी न हो इसके लिए गर्म पानी से नियमित गरारे करें। इस दौरान यदि आपको सांस फूलना, चक्कर आना, खांसी, सीने में तकलीफ या दर्द, आंखों में जलन (लाल या पानी आना) जैसा महसूस हो तो अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह लें। उन्होंने कहा कि वायुमंडल में बढ़ते एक्यूआई के बीच ऐसे व्यक्ति किसी भी प्रकार की अनावश्यक गतिविधियों से अपना बचाव रखें। यदि घर से बाहर निकलना जरूरी है तो फेस मास्क का इस्तेमाल करें।
दैनिक दिनचर्या में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना फायदेमंद
जिला में प्रदूषण पर रोक लगाने हेतु पब्लिक ट्रांसपोर्ट का 'यादा से 'यादा इस्तेमाल करना जरूरी है। इसलिए बेहतर होगा कि हम अपनी दैनिक दिनचर्या में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देकर अपने निजी वाहनों का कम से कम इस्तेमाल करें। आमजन अपने रिहायसी सर्कल जैसे नजदीकी बाजार व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर जाने के लिए पैदल चलें अथवा ई रिक्शा व साईिकल का उपयोग करें।
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