Sirsa : घग्घर का खतरा बरकरार, कम होने की बजाए बढ़ा जलस्तर

Sirsa : घग्घर का खतरा बरकरार, कम होने की बजाए बढ़ा जलस्तर
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  • घग्घर से सटे गांवों के लिए 48 घंटे परीक्षा की घड़ी
  • ग्रामीणों ने रात को घेरा डिंग थाना, एसएचओ पर गलत व्यवहार का आरोप
  • फतेहाबाद से आने वाले पानी से निपटने में जुटा प्रशासन, आज सिरसा जिला में दे सकता है दस्तक

Sirsa : बरसाती नदी घग्घर में बढ़ रहे जलस्तर (water level) का खतरा अभी भी टला नहीं है। प्रशासन व ग्रामीणों के हाथ-पांव फूले हुए हैं। अगले 48 घंटे तटबंध से लगे गांवों के लोगों के लिए परीक्षा की घड़ी है। प्रशासनिक अधिकारी दिन रात ग्रामीणों के साथ बाढ़ से बचाव हेतु कामों में जुटे हुए हैं। इसके अलावा रंगाई नाले के नरेल खेड़ा व बग्गू वाली के बीच टूट जाने से कई एकड़ कृषि भूमि पानी से भर गई। यहां पर बुधवार रात्रि ग्रामीणों व डिंग पुलिस थाना प्रभारी के बीच कहासुनी भी हुई, जिसके बाद ग्रामीणों ने रात को थाने का घेराव किया। उच्चाधिकारियों ने पहुंच कर ग्रामीणों को समझाया, जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए।

नेशनल हाइवे नंबर 9 पर बाजेकां नाके से लेकर मेन रोड तक डाली जा रही मिट्टी को बंद करवाने की मांग को लेकर वैदवाला के किसानों ने कुछ देर के लिए रोड भी जाम किया। उधर, प्रशासनिक अधिकारी फतेहाबाद से सिरसा जिला की तरफ आने वाले संभावित पानी को देखते हुए सिरसा शहर को सुरक्षित करने के लिए जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि शुक्रवार तक फतेहाबाद से पानी सिरसा जिला तक पहुंच सकता है। इस संबंध में बाजेकां रेलवे फाटक से लेकर वैदवाला को जाने वाले नेशनल हाइवे तक सड़क पर मिट्टी डालकर अस्थाई बांध बनाया जा रहा है। हालांकि इस बांध को लेकर वैदवाला सहित कुछ अन्य गांव के लोगों ने आपत्ति जताई, जिसको प्रशासन ने बातचीत के जरिए सुलझा लिया।

घग्घर का जलस्तर वीरवार को पंजाब के सरदूलगढ़ व ओटू हेड पर भी कम होने की बजाय बढ़ा। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए घग्घर के किनारे बसे गांवों पर अब भी खतरा मंडरा रहा है। अब तक सिरसा जिला में घग्घर के तटबंध टूटने से हजारों एकड़ भूमि जलमग्न हो चुकी है। इसके अलावा कुछ ढाणियों में भी पानी भर गया है, वहीं बरनाला रोड पर बसे बुर्जकर्मगढ़ गांव में भी पानी भर गया है। पनिहारी व फरवाई गांव की फिरनी तक भी पानी पिछले तीन दिनों से सटा हुआ है। इन गांवों के लोग अपना कीमती सामान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। बुर्जकर्मगढ़ के आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण अब सड़कों पर समय बिता रहे हैं। आज सामाजिक संस्थाओं ने इन्हें सड़क पर ही राशन पहुंचाया। यहां पर ही खाना-पीना दिया जा रहा है।

बाढ़ से प्रभावित नागरिकों के लिए बनाए सेफ हाउस

प्रशासन की तरफ से घग्घर नदी में बढ़ते जलस्तर व संभावित बाढ़ से बचाव के लिए प्रयास किए जा रहे है और जहां बाढ़ से बचाव के लिए एनडीआरएफ की टीम जुटी हुई है, वहीं प्रशासन की विभिन्न टीमें बाढ़ ग्रस्त इलाकों में अपना काम कर रही है। बाढ़ में फंसे लोगों की सहायता और सुविधा के लिए प्रशासन द्वारा संस्थाओं के सहयोग से सेफ हाउस स्थापित किए गए हैं। 1500 से अधिक वॉलिंटियर विभिन्न बाढ़ राहत कार्यों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं तथा वीरवार को 330 से अधिक वॉलिंटियर रंगोई नाला, वेदवाला व सिकदरपुर में जलभराव वाले क्षेत्रों में मनरेगा मजदूरों की मदद कर रहे हैं। ये वॉलिंटियर मिट्टी के कट्टे भरवाने, कट्टे लगवाने, तटबंधों पर मिट्टी की भराई व बल्लियां लगवाने जैसे कार्यों में सहयोग कर रहे हैं।

49 स्थानों को सेफ हाउस बनाने के लिए किया चिन्हित

आबादी इलाके में बाढ़ जैसी स्थिति से बचने के लिए विभिन्न स्थानों पर 49 सेफ हाउस का चयन कर लिया गया हैं। ये स्थान गांवों से सुरक्षित दूरी पर हैं तथा यहां व्यक्तियों व पशुधन को ठहराया जा सकता हैं। तहसील सिरसा में 22, तहसील रानियां में 12, तहसील कालांवाली में 4 तथा तहसील ऐलनाबाद में 11 सेफ हाउस बनाने के लिए स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं। आपदा की स्थिति में ग्रामीणों को यहां पर ठहराया जा सकता है। साथ ही जिला की सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं से भी संपर्क किया गया है ताकि भोजन व अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके।

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