नोटिस देकर बुलाने के बाद भी नफे सिंह राठी से नहीं मिली एसआईटी, अब 31 जनवरी को बुलाया

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़। पूर्व मंत्री मांगेराम राठी के बेटे जगदीश नंबरदार के आत्महत्या के मामले में अदालत द्वारा अग्रिम जमानत मिलने के बाद पूर्व विधायक नफे सिंह राठी जांच में शामिल होने के लिए लगातार पुलिस थाना जा रहे हैं। इस मामले में जांच के लिए गठित एसआईटी की ओर से उन्हें नोटिस देकर रविवार को जांच के लिए बुलाया था। लेकिन आज भी उन्हें जांच में शामिल नहीं किया गया और अब 31 जनवरी को आकर तफ्तीश में शामिल होने को कहा गया है।
बता दें कि जहरीला पदार्थ निगलने के कारण जगदीश नंबरदार की 11 जनवरी को मौत हो गई थी। जिसके बाद शहर थाना पुलिस ने उनके पुत्र गौरव राठी के बयान के आधार पर पूर्व विधायक नफे सिंह राठी, अजय दलाल उर्फ सोनू, को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व एमडी महेंद्र सिंह राठी, पुलिस उपनिरीक्षक अश्वनी, श्याम पटवारी और उसके सहायक राजू बंगाली के विरुद्ध आईपीसी की धारा 306 व 34 के तहत केस दर्ज किया था। इसमें एक वायरल ऑडियो का भी उल्लेख था। हालांकि एक मामले में 24 जनवरी को अतिरिक्त जिला न्यायालय द्वारा नफे सिंह राठी और अजय दलाल उर्फ सोनू को अग्रिम जमानत दी गई थी। इसके बाद से इनेलो प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी लगातार शामिल तफ्तीश होने के लिए शहर थाने में जा रहे हैं। लेकिन उन्हें शामिल तफ्तीश नही किया जा रहा है। रविवार को भी नफे सिंह राठी एसआईटी द्वारा जारी नोटिस की पालना करते हुए थाने में गए। लेकिन एसआईटी के सदस्य वहां नहीं मिले।
हालांकि शहर थाना प्रभारी सोमबीर ने एसआईटी की व्यस्तता का हवाला देते हुए उन्हें 31 जनवरी को शामिल तफ्तीश होने के लिए बुलाया है। इनेलो प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी ने कहा कि उन्हें एसआईटी के सामने कई अहम बातें रखनी हैं। जिसके बाद पूरे मामले की सच्चाई सामने आएगी। उन्होंने कहा कि राजनीति से प्रेरित इस मामले में न्यायालय से उन्हें न्याय अवश्य मिलेगा।
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