गुरुग्राम में भारी बारिश से बिगड़े हालात, हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा

गुरुग्राम में भारी बारिश से बिगड़े हालात,  हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा
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मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दे चुका था बारिश से निचले इलाकों में पानी भर सकता है। इस बरसात में देखते ही देखते शहर के इलाकों में जलभराव होना शुरू हो गया। जलभराव में जाम की स्थिति से निपटने को पुलिस तो सक्रिय हो गई, लेकिन जलभराव नहीं होने देने के दावों की पोल खुलती गई।

हरियाणा में मंगलवार देर रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने गर्मी से राहत तो दिलाई है। वहीं गुरुग्राम में बुधवार को भारी बारिश से कई इलाकों में जलभराव हो गया। पानी इतना ज्‍यादा था कि कारें तक डूब गईं। ट्रैफिक प्रभावित हुआ वो अलग। बारिश के हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा था। वहीं गुरुग्राम में पलिस के जवानों ने सड़कों पर मोर्चा संभाल है। ताकि राहगीरों को कम से कम दिक्कत हो फिर भी बारिश लोगों के लिए आफत बनी हुई है। बता दें कि मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दे चुका था बारिश से निचले इलाकों में पानी भर सकता है।

जलभराव से शहर की स्थिति बदहाल हो गई। पहले बात करें पुराने गुरुग्राम शहर की तो यहां की निचली कालोनियों में तो पानी भरा ही, साथ में शहर की सड़कें भी पानी में डूब गई। सड़कों पर दुपहिया वाहन पानी भरने से बंद हो गए और जाम लग गया। यहां सेक्टर-4/7 चौक से सेक्टर-9, बसई चौक, बसई, सेक्टर-10, रेलवे स्टेशन के पास भीमगढ़ खेड़ी, लक्ष्मण विहार, दौलताबाद, सूर्या विहार, सेक्टर-10, कादीपुर, शिवाजी नगर, अर्जुन नगर, हीरा नगर, सेक्टर-10ए, खांडसा, झाड़सा, सेक्टर-15 पार्ट-1 व 2, सेक्टर-14, सुखराली, सेक्टर-17 समेत अनेक कालोनियों में जलभराव हो गया। इसके अलावा नए गुरुग्राम में भी बरसात का पानी भर गया। सभी सड़कें पानी में डूबी रही और जाम लग गया।

लापरवाह अधिकारियों पर अब हो कार्रवाइ

मानव आवाज संस्था के संयोजक एडवोकेट अभय जैन का कहना है कि गुरुग्र्राम में इतने सारे अधिकारी, तीन स्तरीय प्रशासन (जिला प्रशासन, नगर निगम, जीएमडीए) है। सभी के अपने-अपने काम और क्षेत्र बंटे हैं। इतने बड़े अमले के साथ चंडीगढ़ बैठे अधिकारियों और सरकार की भी इस शहर पर विशेष नजर रहती है। इन सबके बावजूद भी शहर बरसात में डूब गया है। आज की तस्वीर को देखकर सवाल उठते हैं कि आखिर सभी अधिकारी कर क्या रहे हैं। बैठकों में दावे तो बड़े-बड़े करते हैं, लेकिन धरातल पर काम कहीं नजर नहीं आ रहे। हर बार दावे किए जाते हैं और बरसाती में शहर डूब जाता है। सरकार भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। सरकार को चाहिए कि बरसात में बिगड़ी स्थिति को लेकर अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करे।

29 जुलाई 2016 को लगा था महाजाम

इस बरसात ने जिस तरह से शहर को डुबोया है, उससे साल 2016 वाले महाजाम की याद ताजा हो गई है। 29 जुलाई 2016 को लगे महाजाम के कारण गुरुग्राम में करीब 22 घंटे तक महाजाम लगा था। उस समय शहर में धारा-144 तक लगानी पड़ी थी। उस जाम की गूंज विदेशों तक पहुंची थी। क्योंकि गुरुग्राम में कई देशों की बड़ी-बड़ी कंपनियां हैं।

तहसील अनुसार बारिश का आंकलन

गुरुग्राम तहसील क्षेत्र में बुधवार को 95 एमएम बारिश हुई। मानेसर में 75 एमएम, वजीराबाद में 50 एमएम, पटौदी में 21 एमएम, फर्रूखनगर में 3 एमएम और सोहना में 2 एमएम बारिश हुई। यह आंकलन सुबह 8:30 बजे से लेकर सुबह 11:00 बजे के बीच का है। गुरुग्राम जिला उपायुक्त की ओर से यह डाटा जारी किया गया।

इन जिलों में बारिश का अलर्ट

वहीं चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने बुधवार दोपहर को मौसम को लेकर पूर्वानुमान करते हुए कहा अगले तीन घण्टों में फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, करनाल, भिवानी, रोहतक, झज्जर, चरखीदादरी, पानीपत, सोनीपत, महेंद्रगढ़, रेवाडी, गुरुग्राम, फरीदाबाद जिलों में व इस के आसपास के क्षेत्रों में कहीं-कहीं तेज हवाओं व गरजचमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है।

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