ट्रेनिंग के नाम पर दुकानदारों की कटी पर्चियां : कौन काट गया पर्ची न अफसरों को पता न व्यापारियों को खबर

ट्रेनिंग के नाम पर दुकानदारों की कटी पर्चियां : कौन काट गया पर्ची न अफसरों को पता न व्यापारियों को खबर
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दुकानदारों को भी अंदेशा है कि ट्रेनिंग के नाम पर गलत तरीके से 2500 रुपये लेकर उनके साथ ठगी की जा रही है। इसका एक बड़ा कारण ये भी है कि करीब डेढ़ साल पहले भी 750-750 रुपये भी ट्रेनिंग के नाम पर लिए गए थे, लेकिन आज तक कोई ट्रेनिंग नहीं की गई।

हरिभूिम न्यूज : रोहतक। ट्रेनिंग के नाम पर शहर में दुकानदारों से ढाई-ढाई हजार रुपये लेने का मामला सामने आया है। हर दुकानदार को बकायदा 2500 रुपये की रसीद भी दी जा रही है। कहा जा रहा है कि सीएमओ ऑफिस की तरफ से आएं हैं और सभी दुकानदारों को ट्रनिंग दी जाएगी। लेकिन सीएमओ ने ऐसी किसी भी ट्रेनिंग से साफ इनकार किया और कहा कि अगर दोबारा रसीद काटने आएं तो दुकानदार उन्हें पकड़कर बैठा लें और एफआईआर करवा दें। दुकानदारों को भी अंदेशा है कि ट्रेनिंग के नाम पर गलत तरीके से 2500 रुपये लेकर उनके साथ ठगी की जा रही है। इसका एक बड़ा कारण ये भी है कि करीब डेढ़ साल पहले भी 750-750 रुपये भी ट्रेनिंग के नाम पर लिए गए थे, लेकिन आज तक कोई ट्रेनिंग नहीं की गई। वहीं फूड एंड सेफ्टी इंचार्ज का यह भी कहना है कि वे कंपनी के कर्मचारी हैं, लेकिन उन्हें इस तरह दुकानों पर जाकर रुपये नहीं लेने चाहिए और न ही रसीद काटनी चाहिए। लेकिन दुकानदार पूरे मामले को संदिग्ध मान रहे हैं। अब इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से करने की तैयारी है।

बुधवार को बड़ा बाजार में दो महिलाएं एक हलवाई की दुकान पर पहुंची। इनमें एक महिला 25-26 साल और दूसरी 40-42 साल की थी। उन्होंने दुकानदार को कहा कि हम सीएमओ ऑफिस की तरफ से आई हैं। खाद्य पदार्थ बनाने वालों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने 2500 रुपये फीस रखी है। दुकानदार ने उनकी बात पर विश्वास कर लिया और रुपये भी दे दिए। महिलाओं ने उन्हें 2500 रुपये की रसीद दी और कहा कि एक-डेढ़ महीने में आपके पास फोन आएगा। इसके बाद बताया जाएगा कि ट्रेनिंग कब और कहां होनी है। महिलाएं वहां से चली गई तो दुकानदार से फूड एंड सेफ्टी अधिकारी से इस बारे में संपर्क किया। उन्हें बताया गया कि इस तरह कोई रसीद नहीं काट सकता।

यहां से लिए 1200 रुपये

इसके बाद महिलाएं बड़ा बाजार में ही एक रेवड़ी गज्जक बनाने वाली दुकान पर पहुंची और उससे 1200 रुपये लेकर रसीद दे दी। यहां भी महिलाओं ने ट्रेनिंग देने की ही बात कही। दुकानदार से ट्रेनिंग लाइसेंस भी मांगा गया। दुकानदारों का कहना है कि किरयाणा वालों से भी ट्रेनिंग के लिए रुपये लिए जा रहे हैं।

मुनादी भी करवाई गई

दुकानदारों ने बताया कि बाजार में एक ई-रिक्शा भी घूम रही है जो दुकानदारों को ट्रेनिंग लेने के लिए अनाउंसमेंट कर रही है। लेकिन दुकानदारों का कहना है कि पहले भी उनसे इस तरह ट्रेनिंग के नाम पर रुपये लिए जा चुके हैं। डेढ़ साल पहले ये रुपये लिए थे लेकिन अभी तक किसी को ट्रेनिंग नहीं दी गई।

रसीद पर लिखा फोन नंबर रिसीव नहीं किया

जो रसीद दुकानदारों को दी जा रही है उस पर सक्षम एजूकेट एंड मैनेजमेंट टेक्नॉलॉजी लिखा हुआ है। जीएसटी नंबर भी है और एक मोबाइल नंबर भी लिखा हुआ है। इस मोबाइल नंबर पर दो बार कॉल की गई, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ।

दुकानदारों को ट्रेनिंग लेना जरूरी

दुकानदारों को ट्रेनिंग लेना जरूरी है। फूड सेफ्टी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने ट्रेनिंग देने के लिए 190 कपनियों को मान्यता दी हुई है। ये कंपनी खुद जगह और समय तय करके दुकानदारों को ट्रेनिंग देती हैं। लेकिन इस तरह दुकानों पर जाकर कोई रुपये नहीं ले सकते और न ही रसीद काट सकते हैं। ट्रेनिंग के दिन ही रुपये लिए जाएंगे। - ओम कुमार, नामित अधिकारी, फूड एंड सेफ्टी।

दोबारा कोई आए तो शिकायत दें

सीएमओ कार्यालय की ओर से किसी प्रकार की ट्रेनिंग नहीं करवाई जा रही। न ही हमारे कार्यालय की ओर से कोई कर्मचारी दुकानदारों के पास हमने भेजी। दुकानदारों को कहना चाहूंगा कि अगर दोबारा ये महिलाएं या इस तरह के आदमी रुपये लेकर रसीद काटने आएं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएं। -डॉ. अनिल बिरला, सिविल सर्जन, रोहतक

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