अच्छी पहल : बेकार पड़ी भूमि पर विकसित किए जाएंगे छोट-छोटे वन

रोहतक : उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने कहा है कि विभिन्न विभागों की बेकार पड़ी खाली जमीन पर जापानी वनीकरण विधि (मियावाकी पद्धति) का प्रयोग करके जिला में छोटे-छोटे वन विकसित किए जाएंगे। उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने जेल परिसर, रोहतक में उपरोक्त पद्धति के आधार पर विकसित किए जा रहे छोटे से वन का निरीक्षण करने के दौरान कहा कि जेल प्रशासन ने यह एक अच्छी पहल की है और इसके लिए जेल अधीक्षक सुनील सांगवान बधाई के पात्र हैं।
कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि प्रथम चरण में महम व रोहतक शुगर मिल परिसर में मियावाकी वनीकरण किया जाएगा और इसके उपरांत विभिन्न विभागों की खाली पड़ी बेकार जमीन को चिन्हित करके वहां भी छोटे-छोटे वन विकसित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी पद्घति है, जिसमें सीमित संसाधनों से तीव्रता से वृक्षारोपण करके हरियाली सुनिश्चित की जा सकती है। इस तकनीक से पौधों का 20 प्रतिशत तेजी से विकास होता है और छोटे-छोटे जंगल स्थापित करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि मियावाकी वनीकरण पद्घति के तहत कम दूरी पर पौधे लगाए जाते हैं ताकि बीच में जगह खाली ना रहे और ऑक्सीजन भी ज्यादा मिले। पौधे सूर्य का प्रकाश प्राप्त करके बगल की तुलना में ऊपर की ओर वृद्धि करते हैं।
कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि इस विधि के तहत अलग-अलग प्रजातियों के पौधे लगाए जाते हैं। जब यह पौधे विकसित हो जाते हैं तो इनकी ऊंचाई में अंतर रहता है। एक पेड़ अधिक ऊंचाई का होगा तो दूसरा कम ऊंचाई वाला होता है और तीसरा पेड़ घनी छायादार वाला चुना जाता है। कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि छोटे-छोटे वन बेहद लाभकारी साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे जहां हरियाली बढ़ेगी, वहीं बारिश भी ज्यादा आएगी और पर्यावरण भी शुद्घ होगा। उन्होंने बताया कि जेल परिसर में केवल मात्र 2000 गज जमीन में विभिन्न श्रेणी के 5000 पौधे लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस विधि की खास बात यह है कि कम से कम जगह में अधिक से अधिक पौधे लगाए जा सकते हैं।
कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि वनों की कटाई के कारण हरियाली में कमी आई है। परिणाम स्वरूप वातावरण में भी असंतुलन पैदा हुआ, जिसके चलते जानवर विलुप्त होने लगे हैं। जलवायु परिवर्तन हो रहा है तथा नमी में कमी आ रही है। भू-जल स्तर गिरता जा रहा है और इसके साथ ही तापमान बढ़ रहा है। इस स्थिति में यह पद्घति बेहद कारगर साबित हो सकती है। उपायुक्त मनोज कुमार ने इससे पहले जेल परिसर का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया। निरीक्षण के दौरान चीनी मिल रोहतक के प्रबंध निदेशक प्रदीप अहलावत व जेल अधीक्षक सुनील सांगवान भी मौजूद थे।
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