तो 27 जनवरी को इस्तीफा दे देंगे अभय चौटाला

तो 27 जनवरी को इस्तीफा दे देंगे अभय चौटाला
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किसान आंदोलन पर अजय चौटाला की टिप्पणी पर छोटे भाई अभय ने कहा कि जिस देवीलाल ने किसानों के लिए अनेक बार कुर्सी को ठोकर मारी, उस कीर्ति को आज उनका पोता कलंकित कर रहा है।

रवींद्र राठी. बहादुरगढ़

यदि सरकार ने 26 जनवरी तक किसानों की मांग नहीं मानी तो 27 तारीख को इनेलो के एकमात्र विधायक अभय चौटाला अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेज देंगे। विधायक पद छोड़कर अभय किसान आंदोलन में मंच भी सांझा करेंगे। किसान आंदोलन पर अजय चौटाला की टिप्पणी पर छोटे भाई अभय ने कहा कि जिस देवीलाल ने किसानों के लिए अनेक बार कुर्सी को ठोकर मारी, उस कीर्ति को आज उनका पोता कलंकित कर रहा है। वे अजय से मिले तो राय जरूर देंगे कि सत्ता को छोड़ यहां किसानों के बीच आकर बैठे।

स्वयं ट्रैक्टर चलाकर टीकरी बॉर्डर पर पहुंचे इनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा कि मोदी सरकार उस किसान की परीक्षा ले रही है, जो साल में दो दफा फसल बोने से लेकर काटने तक परीक्षा देता है। उन्होंने कहा कि किसान टकराव नही चाहता, उसे रोकना अनुचित। लेकिन हरियाणा से दिल्ली की सीमा तक सरकार ही माहौल खराब कर रही है। भाजपा नेताओं की टिप्पणियों से संबंधित एक सवाल के जवाब में अभय ने कहा कि किसान नही सरकार नकली है।

अभय सिंह ने कहा कि डेढ़ महीने से देश विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन में भाग ले रहे हैं। उन कानूनों को खत्म करवाने के लिए जिन्हें बनाने से पहले ना तो किसान संगठनों से चर्चा की गई और ना ही विपक्ष से। उन्होंने बताया कि मोदीराज में 1200 से ज्यादा कानून खत्म किए और बनाए गए। जबरन थोपी गई जीएसटी में भी खूब रद्दोबदल किए गए हैं।

इनेलो विधायक के अनुसार लॉक डाउन में जब सरकारों का राजस्व घट गया, उस दौरान आर्थिक स्थिति किसान ने संभाली। लेकिन पूंजीपतियों की हितैषी सरकार ने कृषक को इंसेंटिव देने की की जगह काले कानून थोप दिए। किसानों का कर्जा माफ करना चाहिए था। उन्हें समर्थन मूल्य की गारंटी देनी चाहिए था। लेकिन पीएम मोदी ने किसान की अथाह शक्ति छीन कर पूंजीपति मित्रों को देने की साजिश रच दी। इन कानूनों के तहत उपज की स्टॉक से हर वर्ग पर मार पड़ेगी। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने मोदी को पीएम बनाया, उस जनता के अनुरोध पर उन्हें गलती सुधारनी चाहिए। अभय ने भाजपा के साथ कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हरियाणा की जनता का दुर्भाग्य है, यहां सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों खत्म हैं।

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