मिट्टी खनन शुल्क 4.40 रुपये प्रति टन फिर भी परमिट नहीं ले रहे लोग...

मिट्टी खनन शुल्क 4.40 रुपये प्रति टन फिर भी परमिट नहीं ले रहे लोग...
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मिट्टी के अवैध खनन मामले में पुलिस को 8 लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा गया है। आरोपियों पर प्रति एकड़ लगभग 1.5 लाख रुपए तक जुर्माना और रॉयल्टी वसूल की जानी है।

नरेन्द्र वत्स. रेवाड़ी। सीएम फ्लाइंग और खनन विभाग की संयुक्त टीम मुंडनवास कमालपुर में हाल ही में पकड़े गए करीब 10 एकड़ पर मिट्टी के अवैध खनन मामले में पुलिस को 8 लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा गया है। आरोपियों पर प्रति एकड़ लगभग 1.5 लाख रुपए तक जुर्माना और रॉयल्टी वसूल की जानी है। सबसे बड़ी बात यह है कि मिट्टी का खनन करने के लिए विभाग की ओर से जो परमिट जारी किया जाता है, उसकी रॉयल्टी मात्र 4.40 रुपए प्रति टन रखी हुई है। इसके बावजूद मिट्टी खुदाई के लिए लोग परमिट लेना जरूरी नहीं समझते।

सोमवार को सीएम फ्लाइंग की रेड से पहले रविवार को ही खनन विभाग की एक टीम ने इस गांव में बड़े पैमाने पर हो रही मिट्टी की खुदाई का जायजा लिया था। सूत्र बताते हैं कि विभाग की टीम को वहां जेसीबी और डंपर भी मिले, लेकिन टीम के पहुंचने के बाद डंपर और जेसीबी को खनन क्षेत्र से हटा दिया। जिस समय सीएम फ्लाइंग और खनन विभाग की टीम पहुंची, खनन माफिया डंपर और जेसीबी वहां से हटा चुका था। ऐसा माना जा रहा है कि टीम के आने की सूचना खनन माफिया को पहले से ही मिल चुकी थी, जिस कारण वहां से वाहनों को हटा दिया गया था। खनन किस तरह से किया जा रहा था, उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि खनन करने वाले लोगों ने 8 फुट तक जमीन की खुदाई की हुई है। इस मामले में कार्रवाई का अधिकारी सिर्फ खनन विभाग के पास ही होने के कारण विभाग की ओर थाना कसोला पुलिस को 8 लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र प्रेषित किया है।

खनन माफिया का पूरा आतंक

अवैध रूप से खनन कार्य को अंजाम देने के मामले में इस क्षेत्र में एक माफिया विक्रम का नाम सबसे पहले आता है। उसे खनन के मामले में पहले भी पकड़ा जा चुका है। खनन विभाग की ओर से उसके खिलाफ अवैध खनन का केस दर्ज कराने के लिए पुलिस को पत्र लिखा हुआ है, परंतु पुलिस की ओर से अभी तक केस दर्ज नहीं किया गया है। नए पत्र में किसानों समेत 8 लोगों के शामिल हैं, जिन्हें जुर्माना रॉयल्टी नहीं देने की स्थिति में पुलिस केस का सामना करना पड़ सकता है।

मामूली रॉयल्टी से भी बचते लोग

मिट्टी के खनन की रॉयल्टी काफी कम होने के बावजूद लोग इसके लिए परमिट लेने को तैयार नहीं होते। सड़क निर्माण और दूसरे विकासकार्यों के लिए मिट्टी की जरूरत पूरा करने के लिए ठेकेदारों के लिए परमिट दिखाना अनिवार्य होता है। मिट्टी खुदाई का परमिट पेश करने के बाद ही उन्हें भुगतान किया जाता है। अवैध रूप से खनन करने वाले लोग भवन निर्माण और निजी जरूरतों के लिए मिट्टी की आपूर्ति का कार्य करते हैं। अगर यह लोग परमिट लेते हैं, तो उनके लिए 5 फुट खुदाई तक की परमिशन होती है। बिना परमिशन के वह मनमाने तरीके से खुदाई करते हैं।

मुखबिरों फैला है जाल

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब भी खनन विभाग की टीम जांच के लिए गाड़ी लेकर कार्यालय से निकलती है, तो मुखबिर उसी समय खनन माफिया को इसकी सूचना दे देते हैं। खनन में लगे डंपर चालकों तक गु्रप के जरिए पहले ही सूचना पहुंचा दी जाती है, जिससे खनन माफिया पकड़ में आने से आसानी से बच जाता है। मुखबिरों की टीम खनन कार्यालय के आसपास ही जमी रहती है, जो विभाग की गाड़ी पर पैनी नजर रखती है। टीम के नेशनल हाइवे नं. 48 पर पहुंचने तक रॉयल्टी चोरी करने वाले डंपर सड़क से गायब हो जाते हैं।

सख्ती से लगाई जाएगी रोक

अवैध खनन की जानकारी मिलने के बाद जब विभाग की टीम मौके पर जाने के लिए निकलती है, तो खनन वाले लोग पहले ही अलर्ट हो जाते हैं। मौके पर पहुंचने तक डंपर गायब कर दिए जाते हैं। इसके बावजूद विभाग का प्रयास बिना अनुमति खनन करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई करना है। मुंडनवास कमालपुर मामले में केस दर्ज करने के लिए पुलिस को पत्र लिखा गया है। - डा. राजेश कुमार सहरावत, खनन अधिकारी।

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