सौर ऊर्जा संचालित सिस्टम ने बदली किसान की तकदीर, सब्जी उत्पादन कर लाखों का व्यापार शुरू किया

सौर ऊर्जा संचालित सिस्टम ने बदली किसान की तकदीर, सब्जी उत्पादन कर लाखों का व्यापार शुरू किया
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अब बेरोजगार बैठने की बजाए सरकार की सौर ऊर्जा सेवाओं से परंपरागत खेतीबाड़ी की बजाए सब्जी उत्पादन कर अपना भाग्य संवार रहे हैं।

हरिभूमि न्यूज,बाढड़ा

कोविड महामारी में बड़े शहरों को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्र में आने वाले युवा अब बेरोजगार बैठने की बजाए सरकार की सौर ऊर्जा सेवाओं से परंपरागत खेतीबाड़ी की बजाए सब्जी उत्पादन कर अपना भाग्य संवार रहे हैं। इसी तरह गांव मांढी केहर निवासी सुंदर सिंह ने पिछले एक साल में सब्जी उत्पादन कर लाखों रुपयों का व्यापार शुरू कर दिया है। गांव मांढी केहर निवासी सुंदर सिंह पिछले एक साल से गुरुग्राम में निजी व्यवसाय चलाते थे, लेकिन कोविड महामारी में यह अपना कारोबार बंद कर गांव में आ गए तथा परंपरागत खेती की लाइन से हटकर फल सब्जी उत्पादन शुरु कर दिया। सुंदर सिंह ने बताया कि पहले तो उन्होंने प्याज, लहसुन की खेती की तथा उसके साथ ही गाजर, टमाटर अब बड़े स्तर पर आलू की खेती शुरू कर दी।

किसान ने प्याज में अच्छा मुनाफा कमाया तो अब आलू के रिकार्ड उत्पादन की संभावना से उसकी बांछे खिली हुई हैं और सर्दी की चपेट में नहीं आई तो रिकार्ड आमदनी होगी। रेतीले क्षेत्र में आलू की खेती बहुत लाभदायक मानी जाती है और दो सप्ताह तक मौसम ज्यादा सर्द नहीं हुआ तो किसान को उसकी मनमाफिक मेहनत का लाभ मिलेगा। किसान ने बताया कि उन्होंने सरकार की सौर ऊर्जा संचालित पंप से भूमिगत पानी का प्रयोग कर कम खर्च में वह फल, सब्जी उत्पादन कर अपने भविष्य को संवार सकता है। उन्होंने प्रदेश के अन्य युवाओं को भी रोजगार के लिए बड़े बड़े शहरों की तरफ भगाने की बजाए गांव में ही छोटा कार्य शुरू कर उसको विस्तार देनेे का आह्वान किया।

दूसरे किसानों के लिए प्रेरणादायक

किसानों का तर्क है कि किसान सुंदर सिंह खुद को आर्थिक रूप से मजबूत कर रहे है। साथ में सब्जी उगाकर दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणा के स्त्रोत बनते जा रहे है। सुंदर ने बताया कि सब्जी की फसलों में कम लागत पर ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। उन्होंने मोटे अनाज की फसलों को छोड़कर सब्जियों की फसलों को उगाना शुरू कर दिया। जिसके परिणाम सार्थक आने लगे है।

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