चार कलस्टरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट स्थापित किए जाएंगे, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दी मंजूरी

चार कलस्टरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट स्थापित किए जाएंगे, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दी मंजूरी
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मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रोजेक्ट (Project) के अंतर्गत कचरे के डोर-टू-डोर कलेक्शन की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। डंपिंग यार्ड (Dumping yard) में नवीन तकनीकों को अपनाते हुए ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिससे कचरे के निपटान के दौरान पर्यावरण (Environment) को नुकसान न हो।

चंडीगढ़। हरियाणा में अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Chief Minister Manohar Lal) ने एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्लस्टर प्रोजेक्ट कोमंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत, पहले चरण में राज्य में चार कलस्टरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट (Solid waste management plant) स्थापित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने यह मंजूरी हरियाणा में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्लस्टर के इंफ्रास्ट्रक्चर पर गठित कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक में दी। बैठक में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिज विज और परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, जोकि इस कमेटी के सदस्य हैं, भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत कचरे के डोर-टू-डोर कलेक्शन की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। डंपिंग यार्ड में नवीन तकनीकों को अपनाते हुए ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिससे कचरे के निपटान के दौरान पर्यावरण को नुकसान न हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि शहरों के अलावा ग्रामीण स्तर पर भी इस प्रोजेक्ट को कार्यान्वित करने की संभावनाएं तलाशी जाएं, ताकि ग्रामीण क्षेत्र में भी कचरा प्रबंधन का सही और व्यवस्थित तरीके से निपटान सुनिश्चित किया जा सके।

बैठक में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस. एन. रॉय ने बताया कि एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्लस्टर प्रोजेक्ट के तहत शहरों में कचरा प्रबंधन के प्लांट लगाए जाएंगे, जहां पर कचरे की प्रोसेसिंग की जाएगी। इसके बाद 3-4 जिलों को मिलाकर एक 'रीजनल इंजीनियरिंग लैंड फिल' स्थापित की जाएगी, जहां पर प्रोसेसिंग के बाद शेष कचरे का निपटान किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट में कचरे के प्राथमिक स्त्रोत के साथ-साथ सडक़ किनारे पड़े कचरे का उठान सुनिश्चित करने का भी प्रावधान किया गया है। प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन के लिए डंपिंग ग्राउंड में इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन भी स्थापित की जाएगी तथा सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। इससे कचरे के प्रबंधन के लिए एजेंसी द्वारा की जा रही गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सकेगी, ताकि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना कचरे का निपटान सुनिश्चित हो सके। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी. एस. ढेसी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के प्रधान सचिव अपूर्व कुमार सिंह और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक अमित कुमार अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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